आजमगढ़: रबी की प्रमुख फसलों में कीट/रोग के लक्षण परिलक्षित होने पर तत्काल सुझाव एवं संस्तुतियों को अपनाकर फसल को ऐसें बचायें
प्रेस नोट
आजमगढ़ 28 जनवरी– उप कृषि निदेशक (शोध/प्रभारी कृषि रक्षा) थान सिंह गौतम ने क्षेत्र का भ्रमण कर अवगत कराया है कि वर्तमान समय में रबी की प्रमुख फसलों में कीट/रोग के लक्षण परिलक्षित होने पर तत्काल सुझाव एवं संस्तुतियों को अपनाकर फसल को बचायें।
उन्होने बताया कि राई/सरसों पर माहू एवं पत्ती सुरंगक कीट के नियंत्रण हेतु एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रतिशत ई0सी0 की 1 लीटर मात्रा को 200 ली0 पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। रासायनिक नियंत्रण हेतु डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ई0सी0 की 400 मि0ली0 अथवा क्लोरोपाइरीफास 20 प्रतिशत ई0सी0 400 मि0ली0 मात्रा में से किसी एक रसायन को 200 ली0 पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, सफेद गेरूई एवं तुलासिता रोग के नियंत्रण हेतु मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 अथवा जिनेब 75 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 की 2 कि0ग्रा0 मात्रा अथवा मेटालैक्सिल 8 प्रतिशत के साथ मैंकोजेब 64 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 की 2.5 कि0ग्रा0 मात्रा को 600-750 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हे0 की दर से छिड़काव करें।
चना/मटर की फसल में फली बेधक एवं सेमीलूपर कीट के नियंत्रण हेतु 50-60 बर्ड पर्चर लगाना चाहिए तथा बी0टी0 1 कि0ग्रा0 अथवा एन0पी0वी0 2 प्रतिशत ए0एस0 250-300 एल0ई0 प्रति हेक्टेयर की दर से 250-300 ली0 पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें अथवा एजाडिरेक्टिन 0.03 प्रतिशत डब्ल्यू0एस0पी0 2.5-3.0 कि0ग्रा0 मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। पत्ती धब्बा एवं तुलासिता रोग के नियंत्रण हेतु मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 की 2.0 कि0ग्रा0 अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत की 3.0 कि0ग्रा0 मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हे0 की दर से छिड़काव करें।
आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के नियंत्रण हेतु जिनेब 75 प्रति0 डब्ल्यू0पी0 2 कि0ग्रा0 अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रति0 डब्ल्यू0पी0 की 2.5 कि0ग्रा0 की मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से लगभग 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
मक्का में फाल आर्मी वर्म के नियंत्रण हेतु 10-20 प्रतिशत संक्रमण अवस्था में रासायनिक नियंत्रण प्रभावी होता है, इस हेतु क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रतिशत एस0सी0 0.4 मिली0 प्रति लीटर पानी अथवा इमामेक्टिन बेनजोइट 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी अथवा थायामेथाक्सॉम 12.6 प्रतिशत़ के साथ लैम्ब्डासाइहैलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत 0.5 मिली0 प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।
—-जि0सू0का0 आजमगढ़-28-01-2022—–