आजमगढ़ : बाहर से आये लोगो की जाँच हेतु जिलाधिकारी ने तहसील स्तर पर गठित की कमेटी

ब्यूरो रिपोर्ट |

आजमगढ़- जिला मजिस्ट्रेट नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) रोग की रोकथाम में प्रत्येक स्तर पर सराहनीय कार्य किया जा रहा है, परन्तु यह सम्भावना कि ग्राम पंचायतों में एक सप्ताह के अन्दर प्रदेश के बाहर से जैसे- दिल्ली, एन0सी0आर0 (नोयडा, गाजियाबाद) से काफी संख्या में लोग आये हंै, जिसे लेकर संक्रमण की रोकथाम की दृष्टि से ग्रामवासियों में कतिपय चिन्तायें व्याप्त हैं। संक्रमण की जो भी आशंका है, उसको सावधानी से रोकथाम किया जाय, इसके प्रति दहशत का भाव नही होना चाहिए और जो व्यक्ति बाहर से आये हैं, उनके प्रति घृणा का भाव भी नहीं होना चाहिए। इस हेतु यह आवश्यक है कि उससे सामाजिक दूरी एवं सतर्कता बनायी जाय।
उपरोक्त तथ्यों के अनुश्रवण तथा अपेक्षित कार्यवाही हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट/तहसीलदार, पुलिस उपाधीक्षक/तहसील क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक, तहसील क्षेत्र के खण्ड विकास अधिकारी एवं तहसील क्षेत्र के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारियों की एक तहसील स्तरीय कमेटी गठित की गयी है।
उक्त समिति आपसी समन्वय एवं सूचनाओं के आधार पर कोविड-19 (कोरोना वायरस) रोग के संक्रमण के रोकथाम के साथ-साथ बाहर से आये हुए व्यक्तियों को स्थानीय सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण हो जाय। स्वास्थ्य परीक्षण में यदि संक्रमण का कोई लक्षण नहीं पाया जाता है तो उस व्यक्ति को 14 दिन न्यूनतम एकांतवास में रखा जाय। यदि उसके घर में कोई अलग कक्ष है और अलग से शौचालय प्रयोग करने की स्थिति है तो सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता के मानको के साथ होम कोरेन्टाईन किया जाय। यदि ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है तो उसी गांव में किसी प्रथामिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय को ही 14 दिन के लिए एकांतवास शेल्टर के रूप में परिवर्तित कर दिया जाय। प्रयास हो कि ऐसे विद्यालय का चयन किया जाए, जिसमें एक से अधिक शौचालय उपलब्ध हो और यदि एक से अधिक शौचालय उपलब्ध नहीं है तो एक व्यक्ति के प्रयोग करने के बाद हर बार से सेनेटाईज करने की व्यवस्था की जाय। विद्यालय में बेड की इस तरह व्यवस्था किया जाए कि उनके बीच की न्यूनतम दूरी 2 मीटर हो। सम्बंधित व्यक्तियों को भोजन बनाने की व्यवस्था विद्यालय के रसोइयों का उपयोग किया जा सकता है तथा उनके बेड, चारपाई, खाद्य सामग्री आदि की व्यवस्था जन सहयोग से किया जा सकता है और जन सहयोग से उक्त व्यवस्था सम्भव न हो जो शासन द्वारा उसकी प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी एकांतवास शेल्टर बनायें जायें, उसकी सूचना ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल से प्रभारी चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी द्वारा प्राप्त कर रखा जायेगा। यह ध्यान रखा जाय कि जो लोग एकांतवास शेल्टर पर ड्यूटी पर लगे हों, वे मास्क लगायें, सेनेटाईज रहे एवं सामाजिक दूरी का ध्यान रखें। शासकीय प्रतिपूर्ति के लिए यदि विल देना है तो पूर्व में ही खण्ड विकास अधिकारी से सचिव के माध्यम से वार्ता करके दर का निर्धारण कर लिया जाय, ताकि बाद में किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो सके। यदि प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण में सर्दी, बुखार, खांसी आदि की गम्भीर स्थिति दिखायी पड़ती है तो उसको 102, 108 नम्बर पर काल करके प्रभारी चिकित्साधिकारी से उपचार कराया जाए और उसे चिकित्सा विभाग द्वारा निर्धारित एकांतवास शेल्टर में भेज दिया जाय। यदि इस कार्य में स्थानीय प्रभारी चिकित्साधिकारी का अपेक्षित सहयोग न मिल रहा है तो मुख्य चिकित्साधिकारी अथवा उनके द्वारा व जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित कन्ट्रोल रूम को अवश्य अवगत कराया जाए।
उन्होने कहा कि ग्राम स्तर पर जो एकांतवास शेल्टर होगा, वहां पर सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों तथा पी0आर0डी0 की भी ड्यूटी लगायी जा सकती है, जिसके लिए ग्राम पंचायत अधिकारी खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से जिला युवा कल्याण अधिकारी, आजमगढ़ से सम्पर्क कर लें। यदि ग्राम स्तर पर व्यवस्था सम्भव न हो तो आप खण्ड विकास अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को अवगत करायें, ताकि ब्लाक स्तर पर चिन्हित एकांतवास शेल्टर में ऐसे व्यक्तियों को शिफ्ट किया जा सके।