फतेहपुर। छह साल का बच्चा भी किसी से लिखापढ़ी में करार कर सकता है, उसे आपराधिक साजिश के तहत तोड़ सकता है और विरोध पर गाली-गलौज कर सकता है. आप मानें न मानें, फतेहपुर पुलिस यह मानती है. उसने कक्षा एक के छात्र पर इन्हीं आरोपों में आईपीसी की धारा 406 और 504 के तहत केस दर्ज किया है. खुद के साथ बच्चे पर भी केस दर्ज होने से क्षुब्ध पिता ने डिप्टी सीएम से शिकायत की है. मामला चर्चा में आने पर एलआईयू ने जांच शुरू कर दी है.

फतेहपुर में मलवां थाने के ढोहियाही गांव निवासी कमलेश मिश्रा और उनकी रिश्तेदार प्रभा के बीच पत्थर की खरीद फरोख्त को लेकर विवाद चल रहा है. 19 जुलाई को प्रभा ने थाने में शिकायत की. पुलिस ने बिना जांच किए कमलेश मिश्रा, उसके पुत्र विनोद और हुसेनगंज थाना क्षेत्र के कंधार का पुरवा निवासी रामकिशुन के खिलाफ धारा 406 और 504 की रिपोर्ट दर्ज कर ली. पुलिस ने यह भी नहीं जांचा की कमलेश का बेटा विनोद कक्षा एक का छात्र है.

कमलेश को 22 जुलाई को रिश्तेदारों ने फोन कर रिपोर्ट दर्ज होने की सूचना दी. उसने बताया कि मैं थाने पहुंचा तो वहां कोई जानकारी नहीं दी गई। 23 जुलाई को डीएम से शिकायत की. कोई कार्रवाई न होने पर सोमवार को एसपी से शिकायत की है. एक रिश्तेदार के जरिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को भी पुलिस का यह कारनामा बताया है. शासन से फोन आने के बाद पुलिस जांच में बच्चे का नाम हटाने की बात कहते हुए बात रफा दफा करने का दबाव बना रही है. शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र भदौरिया ने बताया कि धारा 406 गैरजमानती है. इसमें तीन साल की सजा और अर्थदंड या फिर दोनों की सजा का प्रावधान है.

सीओ सिटी डीसी मिश्रा ने बताया कि तहरीर में गलती के कारण पिता का नाम बदल गया है. वास्तव में विनोद पुत्र कमलेश मिश्रा नहीं है. उसकी उम्र 23 साल है. जांच कराई जा रही है. वहीं, मासूम के पिता ने बताया कि पुलिस गुमराह कर रही है. रामकिशुन के किसी बेटे का नाम विनोद नही हैं. मासूम बेटे को नामजद किया, पुलिस ने आंख बंद कर रिपोर्ट लिख दी अब लीपापोती कर रही है.