मैनपुरी। समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए भगवा खेमे में भी उम्मीदवार के नाम पर मंथन तेज हो गया है. स्थानीय नेतृत्व ने केंद्रीय चुनाव समिति पर प्रत्याशी चयन का काम छोड़ दिया है. बावजूद इसके मैनपुरी से प्रत्याशी कौन बनेगा, इसको लेकर भगवा खेमे में सरगर्मी शुरू हो गई है. बाहरी प्रत्याशी मैदान में न उतारा जाए, इसकी सुगबुगाहट है. वहीं कई स्थानीय नेता टिकट के लिए लखनऊ और दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. पार्टी खेमा भी चाहता है कि प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया जाए.
2019 में हुए लोकसभा के सामान्य चुनाव में भाजपा ने यहां प्रेमसिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया था. प्रेमसिंह शाक्य ने ये चुनाव दमदारी से लड़ा, यही वजह रही कि मुलायम की पूर्व के चुनाव की लाखों की जीत 94 हजार मतों में सिमट गई. प्रेमसिंह भी इस बार दावेदार हैं लेकिन इसके अलावा पार्टी खेमे में स्थानीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राहुल राठौर का नाम भी तेजी से चल रहा है. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के पुत्र सुमित चौहान का नाम भी चर्चा में है. बाहरी प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, पूर्व प्रत्याशी तृप्ति शाक्य के अलावा विधायक पटियाली ममतेश शाक्य के नाम भी चर्चा में है.

भगवा खेमे में एक बात बड़ी चर्चा में है कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में बाहरी प्रत्याशी के बजाय स्थानीय प्रत्याशी पर भरोसा किया जाए. दबी जुबान स्थानीय बड़े लीडर भी यही कह रहे हैं कि मैनपुरी में भाजपा ने बड़ी मेहनत की है. सपा के गढ़ में मैनपुरी और भोगांव सीट पर दो विधायक बनाए हैं. आठ में से सात ब्लॉक प्रमुख, जिपं अध्यक्ष पद सपा के गढ़ में जीता है. ऐसे में बाहरी प्रत्याशी आने से कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होगा. मांग स्थानीय प्रत्याशी की जा रही है.