लखनऊ। प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर विधानसभा सीट पर महज सात दिन बाद नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. इसी दौरान बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने ट्वीट का ऐसा बाउंसर मारा है जो सियासी गलियारों में मायावती का सेफ साइड कहा जाने लगा है. मायावती के इस इशारे के बाद से समाजवादी पार्टी के लिए दोनों सीटों पर कड़ी चुनावी परीक्षा की बात कही जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है मायावती उपचुनावों में मैदान में आए या ना आए लेकिन हार जीत की चुनावी पिच बसपा की वजह से ही तय होगी.

दरअसल, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से मैनपुरी सीट पर चुनाव पांच दिसंबर को तय हुआ है. जबकि रामपुर से सपा विधायक रहे आजम खान की सदस्यता जाने से इस विधानसभा सीट पर भी पांच दिसंबर को ही चुनाव तय हुआ है. राजनैतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि इन दोनों सीटों पर बहुजन समाज पार्टी की भूमिका क्या होने वाली है. खास तौर से तब जब मायावती ने सोमवार को ट्वीट करके उपचुनावों में अपनी पार्टी के ना उतरने का जिक्र किया और एक ऐसा ट्वीट का बाउंसर भी मारा जिसके तमाम तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

दरअसल मायावती ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि जब गोला गोकर्णनाथ के उप चुनाव में समाजवादी पार्टी भारी मतों से हार गई तो देखना यह होगा कि क्या अब सपा मैनपुरी और रामपुर की सीट बचा पाती है या नहीं. राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि मायावती ने अपने ट्वीट के माध्यम से इशारा कर दिया कि संभव है की वह इन दोनों सीटों पर मैदान में ही न उतरे. हालांकि मायावती ने आजमगढ़ लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी उतारा था और उसी वजह से समाजवादी पार्टी की गणित गड़बड़ाई तो भाजपा ने जीत का परचम लहरा दिया.
अगर मायावती मैनपुरी में अपना प्रत्याशी नहीं उतारती हैं तो सबसे ज्यादा चुनौती मायावती के वोट बैंक को हासिल करने की होगी. क्योंकि मायावती का वोट बैंक बसपा के चुनाव ना लड़ने से या तो समाजवादी पार्टी की और शिफ्ट होगा या भारतीय जनता पार्टी की ओर. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीते चुनावों पर अगर नजर डालें तो यही पता चलता है कि बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक भारतीय जनता पार्टी में शिफ्ट हो रहा है. ऐसे में अगर बहुजन समाज पार्टी दोनों सीटों पर चुनाव नहीं लड़ती है निश्चित तौर पर समाजवादी पार्टी के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी.
हालांकि बहुजन समाज पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मैनपुरी और रामपुर के उपचुनावों में बहुजन समाज पार्टी चुनाव लड़ेगी या नहीं लड़ेगी इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है बसपा से जुड़े एक पूर्व नेता कहते हैं कि मायावती के ट्वीट से इस बात का अंदाजा नहीं लगाना चाहिए कि मैनपुरी और रामपुर जैसी महत्वपूर्ण उप चुनावों में बसपा दांव नहीं आजमाएगी. कहना है कि बसपा की कमेटी की इन चुनावों को लेकर बैठकों का दौर जारी है. राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है जिस तरीके से मायावती ने मुस्लिम वोट बैंक में अपनी सेंधमारी करनी शुरू की है उस लिहाज से रामपुर और मैनपुरी में भी वह चुनावी समर में जा सकती हैं.