रांची। बीते 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने दो बार अपने झूठे वादों से रिम्स में आउटसोर्स में कार्यरत लैब टेक्नीशियनों को चलता किया है। बन्ना गुप्ता ने 6 दिन पूर्व 33 चयनित लैब टेक्नीशियनों को 48 घंटे के भीतर नियुक्ति पत्र दिलाने का भरोसा दिलाया था, जबकि 6 दिन बीतने के बाद भी अब तक प्रक्रिया नहीं बढ़ी। मंत्री ने शुरुआत में फाइल की कॉपी मंगाकर देखने के बाद अपने पास रोके रखा। जब नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ने लगा तो प्रक्रिया का हवाला देते हुए पूरी फाइल मंगा कर रख ली। न तो अब तक टेक्नीशियनों की फाइल आगे बढ़ी है और न ही फाइल सचिव के पास पहुंची है।
इधर, नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से आक्रोशित सभी अस्थायी लैब टेक्नीशियन हड़ताल पर वापस जाने का मन बना चुके हैं। सभी बुधवार को रिम्स के शासी परिषद के सदस्य सह कांके विधायक समरी लाल के पास नियुक्ति की गुहार लगाने पहुंचे। उन्होंने समरी लाल को वर्तमान परिस्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि दो-दो बार स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से आश्वासन मिलने के बाद भी अब तक उन्हें जॉइनिंग लेटर नहीं दिया गया।
कांके विधायक समरी लाल ने भी स्वीकार किया कि लैब टेक्नीशियन कोरोना के युद्ध में रियल फ्रंटलाइन वर्कर हैं। ऐसे में यह लोग अत्यंत ही अल्प वेतन पर अपने और अपने परिवार की जान को खतरे में डाल कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। समरी लाल ने भी आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता कर जल्द इसका समाधान निकालेंगे।
सिर्फ आश्वासन पर ही ड्यूटी में जुटे हैं लैब टेक्नीशियन
लैब टेक्नीशियनों के प्रतिनिधिमंडल ने कांके विधायक को बताया कि सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर ही कई अस्थायी लैब टेक्नीशियन कोरोना ड्यूटी पर डटे हैं। समरी लाल के समझाने पर उन्होंने अपना हड़ताल फिलहाल स्थगित कर दिया है। समरी लाल ने कहा कि शासी परिषद के सदस्य होने की जिम्मेदारी का आभास है और इस समस्या का जल्द ही हल निकलेंगे।