दिल्ली में शराब की ऑनलाइन बिक्री को लेकर केजरीवाल सरकार आज फैसला लेगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को उसके इस आश्वासन का पालन करने को कहा कि वह शराब की ऑनलाइन बिक्री और इसे घर तक पहुंचाने पर फैसला 15 मई तक लेगी।
न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने उक्त निर्देश के साथ ही एक विधि छात्र की याचिका को खारिज कर दिया जिसने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री की अनुमति देने वाली दिल्ली सरकार की तीन मई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिका में उठाये गये मुद्दों पर 11 मई को निस्तारित इसी तरह की अनेक याचिकाओं में पहले ही विचार किया जा चुका है। उसमें केंद्र और दिल्ली सरकार को शराब की ऑनलाइन बिक्री करने के संबंध में तथा शराब की दुकानों के बाहर भीड़ लगने से रोकने के लिए जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया गया था।
विधि छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या 11 मई से कोई फैसला लिया गया है या नहीं? उच्च न्यायालय ने 11 मई को अपने आदेश में जोमेटो जैसे खाद्य आपूर्ति ऐप के माध्यम से शराब की घर तक आपूर्ति करने से संबंधित एक सुझाव पर चिंता जताते हुए कहा था कि इसमें सुरक्षा संबंधी मुद्दे होंगे। पीठ ने कहा था कि रास्ते में शराब छिन जाने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। शराब घर तक पहुंचाने की संभावना से इसमें मिलावट की आशंका भी बढ़ जाएगी जिससे लोगों की जान भी जा सकती है जबकि अभी तक इसका वितरण व्यापक रूप से सरकार के हाथ में है।
अदालत ने कहा था कि ऐसा लगता है कि घर-घर शराब की आपूर्ति इसी तरह करनी होगी जैसे बैंकों के बीच में तथा बैंकों से एटीएम के बीच नकदी को ले जाया जाता है। वीरवार को सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि अनेक राज्यों ने शराब की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है, वहीं दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि शुक्रवार, 15 मई से पहले फैसला लिया जाएगा। इसके बाद पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि दिल्ली सरकार 15 मई तक शराब की ऑनलाइन बिक्री पर फैसला लेने के अपने आश्वासन का पालन करने के लिए बाध्य होगी।