रांची। Lockdown 4 Guidelines लॉकडाउन-4 को लेकर राज्य सरकार को केंद्र के निर्णय का इंतजार है। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग ने लॉकडाउन-4 को लेकर अबतक कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया है। इंतजार केंद्र के निर्णय हो रहा है। अभी तक जो संकेत मिले हैैं, उसमें राहत की उम्मीद नहीं है। कोरोना संक्रमण में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए और पवित्र रमजान में भीड़भाड़ बढऩे की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार छूट देने के पक्ष में नहीं है। शुक्रवार की शाम तक इस विषय पर सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका था। सरकार राजस्व को लेकर चिंतित जरूर है, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन कराने के उद्देश्य से किसी तरह की छूट के पक्ष में नहीं है। केंद्र का जो निर्णय आएगा, उसके अनुरूप राज्य सरकार अपना स्टैंड तय करेगी।
झारखंड में जिस तरह प्रवासियों के आने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उससे लॉक डाउन 4 में भी रियायतें मिलने की उम्मीद बेहद कम हैं। राजधानी रांची में विस्तृत रूप से फैले कोरोना ने अपनी जगह अब नये इलाके में बना ली है। गढ़वा में 23, हजारीबाग में 21 और पलामू में 15 कोरोना संक्रमितों की पहचान के बाद इसके और इलाके में फैलाव से इन्कार नहीं किया जा सकता। शुक्रवार को अबतक 4 कोरोना मरीजों की पहचान की जा चुकी है।
झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या की बात करें तो 207 मामले अबतक सामने आ चुके हैं। खासकर बाहर से प्रवासियों के लौटने के बाद संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला चल पड़ा है। बीते दिन एक साथ 22 कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है। गढ़वा, पलामू और हजारीबाग में घर पहुंचे बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों में संक्रमण के हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
इधर देशभर में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों को लेकर पीएम मोदी ने पहले ही लॉक डाउन 4 की घोषणा कर दी है। हालांकि इसके स्वरूप को लेकर अभी आधिकारिक एलान नहीं किया गया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन 4.0 में केंद्र के निर्णय के साथ चलने का फैसला किया है। ऐसे में राज्य के विभिन्न जिलों के लिए लॉक डाउन की रूप-रेखा पर यहां तेजी से काम हो रहा है। जिन इलाकों में अभी एक भी कोरोना मरीज नहीं मिले हैं, वहां लॉकडाउन खोलने पर भी विचार किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि सरकार लॉकडाउन 4.0 के लिए नई रणनीति पर काम कर रही हैं, जिसमें पूर्ण शटडाउन को लेकर कंस्ट्रक्शन समेत दूसरे जोन की भी परख की जा रही है। संभव है कि झारखंड के ग्रीन जोन में अधिक से अधिक रियायतों के साथ सार्वजनिक स्थानों, बड़े सामाजिक समारोहों और शैक्षिक संस्थानों को छोड़कर लगभग सभी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी जाए।
बताया जा रहा है कि लॉक डाउन 4 में हर तरह के सामान की होम डिलिवरी की इजाजत दी जा सकती है। जरूरी पास होने पर अंतरराज्यीय यात्रा की अनुमति पर भी दिशानिर्देश दिए जा सकते हैं। कोरोना के बढ़ते और नए ताजा मामलों को देखते हुए जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में भी नए तरीके से बांटा जा सकता है। ऑटो और सार्वजनिक परिवहन के मामलों में भी ढील की उम्मीद की जा रही है।
बता दें कि इससे पहले 17 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन में झारखंड में केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों से इतर कड़े नियम अपनाए थे। तब सीएम हेमंत सोरेन ने गृह मंत्रालय की ओर से लॉक डाउन में दी गई छूटों को किनारे रखते हुए केंद्र के निर्देश नहीं लागू करने की बात कही थी। इसे कोरोना से जंग में अहम फैसला माना गया।
कोराना वायरस महामारी के झारखंड में फैलाव की बात करें तो यह संकट अबतक राज्य के 24 में से 14 जिलों को अपनी चपेट में ले चुका है। राजधानी रांची सर्वाधिक प्रभावित इलाके में शुूमार है। झारखंड के 203 कोरोना मरीजों में से अकेले 100 रांची के हैं। इसके बाद गढ़वा जिले में 23 कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा चुकी है। पलामू में 15, हजारीबाग में 12, बोकारो में 10 मामले अबतक सामने आ चुके हैं। हालांकि झारखंड में कोरोना से अबतक सिर्फ 2 मौतें हुई हैं। जबकि 83 संक्रमित इस जानलेवा बीमारी से लड़कर जिंदगी की जंग जीत चुके हैं।