जमशेदपुर। झारखंड का लौहनगरी आरेंज से रेड जोन की तरफ बढ़ रहा है। इसमें पश्चिम बंगाल से आए संदिग्ध लोगों की भूमिका अधिक मानी जा रही है। पूर्वी सिंहभूम जिले में अब तक मिले चार कोरोना पॉजिटिव में तीन पॉजिटिव कोलकाता से ही लौटे हैं। इसमें दो चाकुलिया व एक बारीडीह क्षेत्र का निवासी है। सबोंं का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में चल रहा है।
पश्चिम बंगाल से आए लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ यहां के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसका खौफ भी दिखने लगा है। बीते गुरुवार को बंगाल से मानगो, बारीडीह व बागबेड़ा में लोग पहुंचे तो वहां हड़कंप मच गया। बीते एक माह में पश्चिम बंगाल से करीब तीन हजार से अधिक लोगों का जिले में आने का अनुमान है। हालांकि, जिला प्रशासन के पास वहां से आए लोगों का कोई आंकड़ा नहीं है। जिसके कारण खतरा और बढ़ गया है। लेकिन इससे निपटने को लेकर विभाग ने वहां से आए लोगों को ढूंढऩे का अभियान तेज कर दिया है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे खुद आगे आकर जांच कराएं। कोलकाता पहले से ही रेड जोन में है।
जमशेदपुर की अर्थव्यवस्था बंगाल पर टिकी
जमशेदपुर शहर की बात करें तो यहां बाजार की अर्थव्यवस्था बंगाल पर टिकी है। कपड़ा से लेकर अनाज, स्टेशनरी से लेकर हार्डवेयर तक का थोक सामान कोलकाता से ही आता है। यही नहीं सब्जी से लेकर मछली तक बंगाल के रेड जोन झाडग़्राम, सरडीहा, पांसकुड़ा आदि क्षेत्रों से आता है। फूल कोलाघाट से आता है। गोविंदपुर, सोपोडेरा, परसुडीह, टाटानगर स्टेशन में पर सड़क किनारे सब्जी व मछली बेचने वाले इसी इलाके से आते हैैं। इसके अलावा शहर में भी आपूर्ति होती है। ऐसे में प्रशासन सचेत नहीं रहा तो आने वाला समय और खतरनाक साबित होगा।