नई दिल्ली। कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। सरकार द्वारा उन्हें उनके गृह-राज्य भेजने के लिए ट्रेन और बस चलाने की व्यवस्था की गई है। सही सलामत उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सरकार की कोशिशाेें के बीच लंबे समय से घर जाने की राह देख रहे मजदूरों का सब्र भी टूटने लगा है। ऐसे में प्रवासी मजदूर पैदल या किसी अन्य तरह से घर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं और हादसे का शिकार हो रहे हैं। साथ ही शारीरिक दूरी के नियमों की भी धज्जियां उड़ रही हैं। इसी बीच आज मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्रवासी कामगार इकट्ठा हुए, जब उन्हें आगे जाने से रोका गया या घर जाने की व्यवस्था नहीं मिली तो उन्होंने यहां जमकर हंगामा किया।
मध्य प्रदेश: उप्र से लगती सीमाओं पर प्रवासी कामगारों का हंगामा
रीवा में मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा पर चाकघाट से दो किमी दूर इकट्ठा हुए प्रवासी मजदूरों ने रविवार सुबह हंगामा कर दिया। दरअसल, उन्हें लेने के लिए उत्तर प्रदेश से बसें नहीं आई थीं। मजदूरों ने नारेबाजी की और पथराव भी किया तो मध्य प्रदेश पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। रीवा के एसपी आबिद खान ने बताया कि सड़क मार्ग से विभिन्न राज्यों से आए करीब 10 हजार मजदूर सीमा के आसपास एकत्र हो गए थे। उन्हें उत्तर प्रदेश भेजने को लेकर प्रयागराज के कलेक्टर से बात भी की गई थी, लेकिन उप्र से बसें नहीं आने से श्रमिक नाराज हो गए। फिलहाल स्थिति काबू में है।
यूपी पुलिस ने तीन घंटे तक मजदूरों को रोके रखा
उधर, यूपी के झांसी से सटी दतिया की सीमा पर चिरुला बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने तीन घंटे तक मजदूरों को रोके रखा। ये मजदूर ट्रक और अपने-अपने चार पहिया वाहनों में बैठ कर आए थे। जोहरिया हाईवे पर भी मजदूरों के साथ-साथ किसी भी वाहन को जाने नहीं दिया जा रहा था। पुलिस के दखल के बाद आवागमन शुरू हुआ। उप्र के रक्सा सीमा पर भी कड़ी जांच के बाद ही लोगों को जाने दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भी हंगामा
पंजाब और जम्मू कश्मीर सहित कई अन्य क्षेत्रों से पांच दिन तक पैदल चलने के बाद सहारनपुर पहुंचे कामगारों को जब पता चला कि उनके लिए अब ट्रेन नहीं चलेगी, तो बड़ी संख्या में बिहार खासकर कटिहार क्षेत्र के कामगार लाठी और डंडों से लैस होकर सड़कों पर उतर आए। इसके बाद तो गुस्साए सैंकड़ों कामगारों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। बाद में इनके लिए बसों की व्यवस्था कर दी गई । सहारनपुर के डिवीजनल कमिश्नर संजय कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बसें बिहार बॉर्डर तक भेजी जाएंगी। संबंधित ज़िलों के जिलाधिकारी से संपर्क किया जा रहा है। लगभग 3,000 लोगों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
दिल्ली-यूपी बॉर्डर गाजीपुर में जुटे मजदूर
दिल्ली के गाजीपुर से सटी यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग शेल्टर होम में इनको रखने की व्यवस्था की है। डीटीसी बसों में बैठाकर इन्हें अलग-अलग जगहों पर ले जाया जा रहा है और उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है।
मुंबई से पश्चिम बंगाल रवाना हुए प्रवासी मजदूर
मुंबई में प्रवासी मजदूर अपने राज्य पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होते हुए। एक महिला ने बातचीत के दौरान बताया-तीन महीनों से मुंबई में फंसी हुई हूं। टाटा अस्पताल में इलाज के लिए आई थी। इलाज अभी पूरा नहीं हुआ है। डॉक्टर ने तीन महीनों के बाद आने के लिए कहा है। पता नहीं आ पाऊंगी या नहीं।