इजरायल में नेतन्याहू की अगुआई में गठबंधन सरकार ने ली शपथ, पीएम मोदी ने भी बधाई दी

यरुशलम। इजरायल में रविवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ले ली। इसी के साथ देश के इतिहास में सबसे लंबा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया। गतिरोध के दौरान 500 दिनों से भी ज्यादा समय तक कार्यवाहक सरकार बागडोर संभाले हुए थी और एक के बाद एक हुए तीन चुनावों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।

पीएम मोदी ने भी बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतन्याहू को सरकार के गठन पर बधाई दी है। मोदी ने हिब्रू और अंग्रेजी भाषा में ट्विटर पर लिखे संदेश में कहा, ‘मेरे मित्र नेतन्याहू को इजरायल में पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए बधाई। मैं आपको और बेनी गेंट्ज को शुभकामनाएं देता हूं एवं भारत-इजरायल की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत करने के लिए आपकी सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए आशान्वित हूं।’

पक्ष में पड़े 73 वोट

इजरायली संसद में नई सरकार के विश्वास मत के दौरान पक्ष में 73 वोट पड़े, जबकि विरोध में 46 वोट पड़े। चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नेतन्याहू ने प्रतिद्वंद्वी से साथी बने ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बेनी गेंट्ज के साथ मिलकर सरकार बनाई है। नई सरकार में 36 मंत्री और 16 उप मंत्री होंगे।

18 महीने बाद पद छोड़ेंगे नेतन्‍याहू

शपथग्रहण के तत्काल बाद 70 वर्षीय नेतन्याहू ने आर्मी रेडियो को बताया, ‘व्यापक सरकार के साथ स्थिरता हासिल कर ली गई है।’ गांट्ज ने रक्षा मंत्री और वैकल्पिक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। समझौते के तहत नई सरकार में 18 महीने बाद नेतन्याहू पद छोड़ देंगे और 17 नवंबर 2021 को गेंट्ज प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के यारिव लेविन को नया अध्यक्ष चुना गया है।

तीन मामलों में घिरे हैं नेतन्‍याहू

विपक्षी नेता येर लापिड ने नई सरकार और खास तौर पर अपने पुराने सहयोगी गेंट्ज और गाबी अस्केनाजी की आलोचना की, जिन्होंने उनके चुनाव पूर्व गठजोड़ को तोड़कर नेतन्याहू से हाथ मिला लिया। उनका इशारा गेंट्ज और अस्केनाजी की तरफ था। अस्केनाजी नई सरकार में विदेश मंत्री होंगे। नेतन्याहू तीन आपराधिक मामलों में घिरे हैं और उने खिलाफ 24 मई को मुकदमा शुरू होना है। शपथ ग्रहण से पहले नेतन्याहू ने कहा, ‘यह इजरायली कानून को लागू करने और यहूदीवाद के इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय लिखने का समय है।’

सबसे ज्यादा समय तक रहे पीएम

नेतन्याहू ने पिछले साल जुलाई में डेविड बेन गुरियन को पीछे छोड़ते हुए इजरायल के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने की उपलब्धि हासिल की थी। नेतन्याहू सरकार को गुरुवार को शपथ लेनी थी, लेकिन सत्ताधारी लिकुड पार्टी में मंत्री पद को लेकर मची खींचतान की वजह से इसे टालना पड़ा। फलस्तीन के साथ शांति समझौते के प्रयासों पर इससे किसी तरह का प्रभाव पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसके विपरीत इससे शांति समझौते को बढ़ावा मिलेगा। इजरायल का करीबी सहयोगी अमेरिका भी इस प्रस्ताव के समर्थन में है।