नई दिल्ली। लॉकडाउन-4 को लेकर जारी गाइडलाइन में केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) एप से जुड़े नियम को सरल बना दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, सरकार ने इस एप को डाउनलोड करने की अनिवार्यता को खत्म करते हुए इसे वैकल्पिक बना दिया है। इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देशों में एप के फायदों पर विशेष जोर दिया है।
केंद्र की ओर से जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि यह एप कोरोना वायरस के संभावित जोखिम का पहले से पता लगाने में मदद करता है। यह एप कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों और समाज के लिए सुरक्षा कवच की तरह है। आरोग्य सेतु एप संक्रमण की निगरानी के लिए विकसित किया गया है।
सरकार ने गाइडलाइन में कहा है कि कार्यालयों और कार्यस्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियोक्ताओं को सभी कर्मचारियों के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप को डलवाना सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिए। सनद रहे इससे पहले एक मई को जारी दिशानिर्देशों में सरकार ने सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करना अनिवार्य बताया था। सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन लोगों को इस एप को इंस्टॉल करने का परामर्श दे सकता है।
अपनी पिछली गाइडलाइन में केंद्र ने कहा था कि स्थानीय प्राधिकारी कंटेनमेंट जोन में आरोग्य सेतु एप के 100 फीसद कवरेज को सुनिश्चित करें। मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में फ्रेंच हैकर एवं साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ एलियट एंडरसन ने दावा किया था कि आरोग्य सेतु एप में एक सुरक्षा खामी है और इससे नौ करोड़ लोगों का डाटा खतरे में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस एप को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
इसके बाद सरकार ने हैकर के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि ऐप में कोई भी सुरक्षा खामी नहीं पाई गई है। किसी भी उपयोगकर्ता की कोई निजी जानकारी के लीक होने का खतरा नहीं है। सरकार ने ट्वीट कर कहा था कि हम अपने सिस्टम का लगातार परीक्षण कर रहे हैं। टीम आरोग्य सेतु ने सभी को आश्वस्त किया था कि किसी का भी डेटा लीक होने या इसमें सुरक्षा खामी की आशंका नहीं है।