तूफान Amphan के तैयारियों की पीएम मोदी ने समीक्षा की, सरकार ने भारी तबाही की आशंका जताई

नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री चक्रवात एम्फन के सोमवार को विनाशकारी तूफान में बदल जाने से हालात नाजुक हो गए हैं। बुधवार दोपहर तक इसके बंगाल के तट से टकराने की आशंका है। मौसम विभाग ने इस तूफान के असर से बंगाल और उड़ीसा के तटवर्ती क्षेत्रों में ऊंची समुद्री लहरों से जल प्लावन की आशंका जताई है। केंद्र सरकार ने संबंधित राज्यों को सतर्क करते हुए भारी तबाही की चेतावनी दी है।

राज्यों को केंद्र से हरसंभव मदद का दिया आश्वासन

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे चक्रवात ‘एम्फन’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने इससे प्रभावित होने वाले राज्यों को केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सोमवार को विनाशकारी तूफान में तब्दील होने वाला एम्फन बुधवार दोपहर बाद 195 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बंगाल के तट से टकराएगा। इसके असर से पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर व दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसी तरह उड़ीसा के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में भारी नुक्सान की आशंका है।

कई निचले इलाकों में भर जाएगा पानी

तूफान के असर से बंगाल में समुद्र तट पर चार से छह मीटर व उड़ीसा में समुद्र तट पर तीन से चार मीटर ऊंची लहरें टकराएंगी। इससे कई निचले इलाकों में पानी भर जाएगा। इस बीच नई दिल्ली में पीएम ने तूफान की समीक्षा बैठक के तुरंत बाद, ट्विटर पर लिखा कि वे सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं और केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन देते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि समीक्षा बैठक में पीएम ने स्थिति का जायजा लिया और उपायों की समीक्षा के साथ ही केंद्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा प्रस्तुत निकासी योजना की बारीकियों को समझा।

अनुक्रिया योजना की प्रस्तुति के दौरान एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि 25 एनडीआरएफ टीमों को मोर्चे पर तैनात किया गया है, जबकि 12 अन्य रिजर्व में हैं। इनके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों चौबीस अन्य एनडीआरएफ टीमें तैयार हैं। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, पीएम के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी शामिल हुए।

एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बाद में जल्दबाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी तैयारियों का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि 1999 के फानी के बाद यह दूसरा मौका है जब कोई इतना शक्तिशाली तूफान भारतीय तट से टकराने जा रहा है। उल्लेखनीय है फानी ने तब उड़ीसा में जानमाल को बहुत नुक्सान पहुंचाया था।

11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है। अधिकारियों ने बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया बल और जरूरी उपकरणों के साथ वाहन जिलों में पहुंच चुके हैं।

राज्य सचिवालय से काम कर रहे राज्य आपदा संचालन केंद्र जिले के आपदा संचालन केंद्रों के साथ संपर्क में हैं। यहां से 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात शिविरों में से 242 को फिलहाल कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से लौट रहे लोगों के लिए अस्थायी चिकित्सा शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।