वेटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर बासलिका में लॉकडाउन में ढील के बाद दो महीने में पहली बार पब्लिक मास का आयोजन किया। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते ईसाइयों के धर्मगुर ने भी वेटिकन में धार्मिक समारोहों और मासेज कराना बंद कर दिया था।
सीएनएन के अनुसार पोप ने सेंट जॉन पॉल द्वितीय की सौवीं वर्षगांठ पर आयोजित इस विशेषष मास सर्विस में कुछ ही श्रद्धालु एकत्र हुए। दो महीने के बाद इटली के इस पवित्र शहर में धार्मिक समारोहों का आयोजन कड़ी पाबंदियों के बीच शुरू किया जा सका है।
रविवार से इटली में दी गई लॉकडाउन में ढील
इटली के स्वास्थ्य मंत्री रोबर्टो स्पेरैंजा ने विगत रविवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए बताया था कि सोमवार से लॉकडाउन की शर्तो में ढील दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कल और भी लोग सड़कों पर आ सकते हैं। राहगीर बढ़ने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं, इसलिए हम सभी को इस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन करना होगा। इस वायरस को अब तक हराया नहीं जा सका है। लेकिन अब स्थिति इतनी भयावह नहीं है जितने कुछ हफ्ते पहले थी।
पोप ने कोरोना के लिए वैक्सीन खोजने पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का किया था आह्वाान
वहीं, इसके पहले पोप फ्रांसिस ने कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन और उपचार की खोज में एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया था।
अपना आशीर्वाद देने के बाद अपोस्टोलिक पैलेस की लाइब्रेरी से पोप फ्रांसिस ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के हर हिस्से में मौजूद कोरोना के संक्रमितों को इलाज की आवश्यक तकनीकों की अनुमति मिलनी चाहिए। एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन विकसित करने के लिए कुछ देशों में रिसर्च पहले से ही चल रही हैं, और विभिन्न देशों में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने रोगियों के इलाज के लिए विभिन्न दवाओं का उपयोग करने में अनुभव भी साझा किए थे।