यूुपी में बस विवाद पर विवादित ट्वीट कर फंसे हरियाणा कांग्रेस के नेता, वकील ने की पुलिस में शिकायत

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में एक हजार बसों के चलाने को लेकर चल रहे विवाद पर विवादित ट्वीट कर हरियाणा के कांग्रेस नेता पंकज पुनिया फंस गए हैं। पुनिया के खिलाफ एक वकील ने कौशांबी थाने में शिकायत दी है। गाजियाबाद के कौशांबी में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कौशांबी थाने में शिकायत देकर मामला दर्ज करने की मांग की है। हालांकि अभी तक पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है।

वहीं, दूसरी ओर विवादित ट्वीट को पंकज पुनिया ने ट्विटर से हटा दिया है। विवादित ट्वीट को लेकर लोगों में आक्रोश है। लोग ट्विटर पर #अरेस्टपंकजपुनिया पर प्रतिक्रिया देने के साथ गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। #अरेस्टपंकजपुनिया ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।

पंकज पूनिया ने मांगी माफी

वहीं, पूरे प्रकरण को लेकर पंकज पुनिया ने स्वीकार किया है कि ट्वीट उन्हीं का है, हालांकि बाद में उन्होंने खुद ट्वीट करके खेद व्यक्त करते हुए लिखा है कि- मेरे लिखने से अगर किसी भाई को बुरा लगा हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। मेरे शब्द मैंने गार्गी कॉलेज में जो कुछ हुआ था, उसको लेकर लिखे थे न कि किसी धर्म को लेकर।

बता दें कि पंकज पुनिया के विवादित ट्वीट के बाद जहां कुछ लोग उनके समर्थन में खड़े दिखाई दिए वहीं ट्वीटर पर पूनिया के खिलाफ काफी लोग लामबंद भी हो गए। कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी की मांग की जाने लगी।

क्या है पूरा मामला

दरअसल कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा की तरफ से कामगारों के लिए यूपी सरकार को एक हजार बसों की सूची भेजी थी। यूपी सरकार का दावा है कि सूची का परीक्षण कराने में बसों के साथ ही ऑटो, कार, एंबुलेंस और डीसीएम आदि के नंबर मिले हैं। तमाम वाहन अनफिट हैं। मंगलवार देर रात मामले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।

इससे पहले पूरे प्रकरण को कांग्रेस का बस घोटाला करार देते हुए सरकार के वरिष्ठ मंत्री सामने आए तो कांग्रेस ने भी इसे भाजपा की निंदनीय राजनीति बताते हुए आंकड़ों में उलझाने के आरोप लगाए। औरैया में सड़क हादसे के बाद शनिवार को प्रियंका ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर श्रमिकों-कामगारों के लिए एक हजार बसें पार्टी की ओर चलाए जाने की अनुमति मांगी। सरकार ने अनुमति दे दी। पत्रचार चलता रहा और आखिरकार प्रियंका की भेजी गई एक हजार बसों की सूची पर मंगलवार से विवाद खड़ा हो गया।