आइसीएमआर ने कहा, नजदीक आने से ज्यादा फैलता है कोरोना का संक्रमण, जानें कैसे यह बात सामने

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के ज्यादातर मामले नजदीकी संपर्क में आने के कारण फैले हैं। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए शारीरिक दूरी और साफ-सफाई जैसे प्रावधानों का पालन जरूरी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने सोमवार को एक बार फिर इस बात पर जोर दिया।

16 इतालवी पर्यटकों का किया गया विस्‍तृत अध्‍ययन 

देश में इटली के पर्यटकों में सबसे पहले सामने आए कोरोना संक्रमण के मामले के अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों को साझा करते हुए आइसीएमआर ने कहा कि नजदीकी लोगों में संक्रमण के ज्यादा मामले पाए गए। ऐसे में नजदीकी संबंध वालों की पहचान करना, उनकी जांच करना और पॉजिटिव पाए गए मरीजों को आइसोलेशन में रखना इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए बहुत जरूरी है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग कोरोना के प्रसार को थामने की दिशा में अहम कदम 

भारत में शुरुआत में संक्रमित पाए गए 16 इतालवी पर्यटकों और एक भारतीय में कोरोना के संक्रमण को लेकर मार्च-अप्रैल के बीच विस्तृत अध्ययन किया गया था। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में आइसीएमआर का यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है। आइसीएमआर ने कहा कि पॉजिटिव पाए गए बहुत से मरीजों में कोई लक्षण नहीं था। ऐसे में कांटेक्ट ट्रेसिंग इसके प्रसार को थामने की दिशा में सबसे अहम है।

स्वाइन फ्लू से सीख लेकर बढ़ रहे आगे 

आइसीएमआर ने बताया कि 2009 में फैले स्वाइन फ्लू से सबक लेते हुए सरकार ने इस बार इंटेलीजेंट टेस्टिंग स्ट्रेटजी अपनाई और कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी तैयारी को मजबूत किया। आज देश में 432 सरकारी और 178 निजी प्रयोगशालाओं में रोजाना 1.1 लाख सैंपल की जांच हो रही है। जांच की क्षमता को अगले कुछ दिनों में दो लाख प्रतिदिन पर पहुंचाने का लक्ष्य है। दुनियाभर से मिली जानकारियों के आधार पर जांच के दायरे को विदेश से आने वालों, प्रवासी श्रमिकों और कोविड-19 से लड़ाई में लगे योद्धाओं तक बढ़ाया गया है। बढ़ी जरूरतों के हिसाब से उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल जैसे राज्यों में जांच के लिए और प्रयोगशालाएं एवं जांच मशीनें स्थापित की जा रही हैं।