Earthquake in Delhi-NCR: फिर भूकंप का झटका, डेढ़ माह में पांचवीं बार हिली दिल्ली, जानें- किस भूकंप जोन में है दिल्ली
नई दिल्ली। राजधानी में शुक्रवार को फिर एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पिछले करीब डेढ़ माह के दौरान पांचवी बार ऐसे झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई। हालांकि कहीं से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के निदेशक (ऑपरेशन) जेएल गौतम ने बताया कि भूकंप रात बजकर 9 बजकर 8 मिनट पर आया। भूकंप का अधिकेंद्र हरियाणा में रोहतक का अटायल गांव था। सिस्मिक जोन चार में शामिल दिल्ली में डेढ़ माह के दौरान जो चार भूकंप पहले आए थे, वे 12, 13 अप्रैल और 10, 15 मई को आए थे। इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.2 से 3.5 तक रही। खास बात यह कि इन सभी भूकंपों का केंद्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वजीराबाद और उत्तरी दिल्ली का वजीरपुर था।
इस बार थोड़ा तेज झटका
बड़ी बात यह है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बाद से लगातार कई बार भूकंप आ चुका है। पिछली बार तो भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था। दरअसल, दिल्ली के आसपास से टेक्टॉनिक प्लेट के तीन फॉल्ट गुजर रहे हैं। इस कारण से दिल्ली और आसपास में लगातार भूकंप आ रहे हैं। हालत यह है कि 1 महीने के अंदर चौथा भूकंप आ चुका है। इससे पहले रिक्टर स्केल पर 2.5 से 3.5 तीव्रता के भूकंप आए थे। यानी, हाल के भूकंपों के मुकाबले शुक्रवार का भूकंप सबसे ज्यादा तीव्रता वाला था।
दिल्ली रिस्क जोन में
वैसे तो दिल्ली जोन 4 में आता है जो काफी रिस्की जोन है लेकिन राहत की बात यह है कि ये फॉल्ट ज्यादा ऐक्टिव नहीं हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, हिंदू कुश से अरुणाचल प्रदेश तक जो हिमालय का जोड़ है, इसमें इंडियन और यूरेशियन प्लेट एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गतिमान हैं। इस कारण से उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्र में ज्यादा तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं। ऐसे में दिल्ली को इतना ज्यादा खतरा फिलहाल नहीं है।
4 हिस्सों में बंटा है भारत का भूकंप जोन
भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को चार भूकंपीय जोनों में बांटा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जानिए भारत का कौन सा क्षेत्र किस जोन में स्थित है।
जोन 5
जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
जोन-4
जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।
जोन-3
जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।
जोन-2
जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। जोन-2 में देश का बाकी हिस्से शामिल हैं।