लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वह वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे। छोटे दलों को जरूर साथ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की एक ही राह है और वह इन दोनों दलों से दूरी बनाकर रहेंगे। उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष व अपने चाचा शिवपाल यादव के बारे में पूछे गए सवाल पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जसवंत नगर विधानसभा सीट पर उनके साथ ‘एडजस्टमेंट’ हो सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी चुनाव दूर है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल पर कहा कि समाजवादी पार्टी यूपी में अकेले काम कर रही है। कभी-कभी लगता है कि कांग्रेस और भाजपा का रास्ता एक जैसा है। भाजपा की सरकार हटे और नई सरकार बने, यूपी में अब समाजवादियों का यही लक्ष्य है। कांग्रेस के साथ बस विवाद पर अखिलेश ने कहा कि यूपी में 70 हजार से ज्यादा बसें हैं, सरकार चाहती तो मजदूरों के लिए बस लगा सकती थी। जब कोटा से बच्चों को निकाला गया तो मजदूरों को क्यों नहीं निकाला गया। अगर सरकार चाहती तो कोई भी मजदूर पैदल नहीं जाता
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं उन्हें खाना खिला रहे हैं। उन्हे खुशी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हीं अस्पतालों में जा रहे हैं जो समाजवादी सरकार ने बनाए थे। आज वही एंबुलेंस काम आ रही है जो हमारी सरकार ने दी थी। सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों में फूल बरसाए लेकिन सैफई व आजमगढ़ के अस्पतालों को क्यों छोड़ दिया गया?
शिवपाल के खिलाफ सपा ने वापस ली याचिका : बता दें कि समाजवादी पार्टी से बगावत कर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना लेने वाले पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए दी गई याचिका को पार्टी ने वापस ले लिया है। सपा के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने गुरुवार को शिवपाल की सदस्यता समाप्त करने के लिए दी गई याचिका को वापस कर दिया है।विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने 23 मार्च को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर शिवपाल यादव के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की याचिका वापस करने की मांग की गई थी। लॉकडाउन के कारण विधानसभा सचिवालय बंद रहने से उक्त प्रार्थनापत्र पर फैसला नहीं हो सका था।
शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी का किया है गठन : बता दें कि यादव परिवार में आंतरिक कलह के चलते सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी का गठन किया था। इस पर सपा के दल नेता रामगोविंद चौधरी ने चार सितंबर, 2019 को दल परिर्वतन के आधार पर शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की गयी थी। करीब दो माह पूर्व चौधरी ने प्रार्थना पत्र देकर विधानसभा अध्यक्ष से याचिका वापस करने का आग्रह किया था। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि याचिका प्रस्तुत करते समय कई महत्वपूर्ण अभिलेख व साक्ष्य संलग्न नहीं किए जा सके थे, ऐसे में याचिका वापस की जाए।
बता दें कि इटावा में लंबे समय से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विरासत के सहेज रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहरा कर बड़ा झटका दिया था। शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से इटावा के जसवंतनगर से विधायक हैं। जसवंतनगर से मुलायम सिंह यादव विधायक हुआ करते थे, उनके लोकसभा सदस्य बनने के बाद से शिवपाल सिंह यादव 1996 से वहां से लगातार विधानसभा सदस्य हैं।