लद्दाख के हालात जानने पहुंचा भारतीय नौसेना का दल, सैन्य टकराव से निपटने की रणनीति की हो रही समीक्षा

श्रीनगर। चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारतीय नौसेना के अधिकारियों का एक चार सदस्यीय दल भी लद्दाख पहुंच चुका है। यह दल पैगांग त्सो झील में गश्त के लिए आवश्यक साजो सामान व झील में किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति से निपटने की रणनीति की समीक्षा कर रहा है। बताया जा रहा है कि अत्याधुनिक मोटरबोट भी लद्दाख पहुंचाई गई हैं। पूर्वी लद्दाख में पांच मई को पैंगाग त्सो झील के इलाके में ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मारपीट हुई थी। पैगांग झील का एक हिस्सा भारत के पास है और दो तिहाई हिस्सा चीन के पास। यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा समुद्रतल से करीब 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील के भीतर से गुजरती है।

झील में मोटरबोट से गश्त कर चीनी घुसपैठ को रोकते हैं भारतीय जवान 

भारतीय थलसेना केजवान ही पैगांग झील में भारतीय इलाके की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं। वह झील में मोटरबोट के जरिए गश्त करते हुए चीनी की घुसपैठ को रोकते हैं। सूत्रों ने बताया कि हालात को देखते हुए भारत ने पैगांग झील में गश्त और अपने इलाके की सुरक्षा के लिए आवश्यक साजो सामान बढ़ाया है। अत्याधुनिक मोटरबोट भी लद्दाख में पहुंचाई गई हैं। उन्होंने बताया कि पैगांग झील में गश्त के लिए भारतीय सेना अमेरिका से खरीदी गई अत्याधुनिक मोटरबोट का इस्तेमाल करती है।

सेना की मोटरबोट व अन्य साजो सामान की समीक्षा कर रहा नौसेना का दल 

जीपीएस, नाइट विजन डिवाइस और मशीनगन से लैस इस मोटरबोट में एक समय में करीब 17 सैनिक सवार हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने बीते सप्ताह नौसेना के चार सदस्यीय दल को लद्दाख भेजा है। यह दल इस समय सेना की मोटरबोट व अन्य साजो सामान की समीक्षा कर रहा है।

फिगर-4 इलाके में सड़क बिछाने की सूचना 

एक अन्य सूचना के मुताबिक, चीनी सेना ने फिगर-4 इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा के आगे भारतीय इलाके में भी कथित तौर पर सड़क बिछानी शुरू कर दी है। इस इलाके में चीनी सेना ने बंकर जैसा एक ढांचा भी तैयार किया है। सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने इस इलाके में भारतीय सेना की गश्त को रोकने के लिए अपने बुलडोजर भी तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि चीनी सेना के इस कदम के बाद भारतीय सेना के लिए फिगर-तीन से आगे गश्त के लिए जाना बंद हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा फिगर-आठ से शुरू होती है, जबकि चीन का दावा है कि यह रेखा फिगर-2 से शुरू होती है। अलबत्ता, अधिकारिक स्तर पर चीन द्वारा ¨फगर-4 इलाके में सड़क को बिछाने या बंकर तैयार किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है।