वाराणसी: पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा संग पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का स्वयं के लिए कठोरता दूसरों के लिए उदारता के उद्घोष के साथ हुआ भव्य समापन ।

गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट
गायत्री शक्तिपीठ, दानुपुर
बड़ा लालपुर, वाराणसी
सेवा में
श्रीमान सम्पादक
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वाराणसी
विषय – पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा संग पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का स्वयं के लिए कठोरता दूसरों के लिए उदारता के उद्घोष के साथ हुआ भव्य समापन ।
महोदय
आज दिनांक 03-04-2024 दिन बुधवार को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवम् प्रज्ञा एवम् महिला मंडल,हरीनगर चंदूआ छितुपुर, वाराणसी के संयोजन में एकता पार्क में चल रहे पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा एवम् पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के अंतिम दिन सुबह 8 बजे से पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन शुरू हुआ। आचार्य पद पर सुप्रसिद्ध कथा वाचक एवम् शांतिकुंज प्रतिनिधि आचार्य श्री देवता प्रसाद शर्मा ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कथा श्रोताओं से कहा कि आप स्वयं के सुधार हेतु कठोरता लाए। भूलों को तत्काल सुधारें, जीवन में होने वाली गलतियों का कठोरता के साथ शमन करें। आपके व्यवहार एवम् विचार में समानता हो साथ ही दूसरों द्वारा किए गए गलतियों को मधुरता के साथ सुधारने का प्रयास करें। जीवन निर्माण के चार सूत्रों साधना, स्वाध्याय संयम एवम् सेवा का कठोरता के साथ जीवन में पालन करें। युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जितने सबल होंगे राष्ट्र उतना ही मजबूत होगा। नशा केवल नाश कराती है । नशा से व्यक्ति का सम्मान, स्वास्थ्य, धन तथा पारिवारिक संबंधों का ही नाश नही करता है बल्कि पारिवारिक एवम् सामाजिक ढांचे को भी कमजोर करता है। आप मां भारती के पुत्र हैं आप का मुख्य लक्ष्य अपने राष्ट्र को आर्थिक एवम् आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाते हुए भारत को विश्व गुरु बनाना है। कार्यक्रम में 17 लोगों का गुरु दीक्षा संस्कार, 6 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार तथा 2 बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार से संस्कारित किया गया। तदोपरान्त गायत्री विधि एवम् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया। कार्यक्रम संयोजक श्री प्रेम चन्द्र बरनवाल के गंभीर किडनी रोग के शमन एवम् स्वास्थ्य लाभ हेतु महामृत्युंजय महामंत्र तथा महाकाल मंत्र से विशेष आहुतियां अग्निहोत किया गया।
समापन सत्र की पूर्व संध्या पर जनजागरण दीप महायज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें 1008 दीप प्रज्वलित किया गया।
अंत में मनुष्य में देवत्व का उदय एवम् धरती पर स्वर्ग का अवतरण तथा स्वयं के लिए कठोरता दूसरों के लिए उदारता के उद्घोष के साथ पांच दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा का भव्य समापन हुआ।
कार्यक्रम का संयोजन एवम् व्यवस्था श्री प्रेम चन्द्र बरनवाल पूरी निष्ठा एवम् समर्पण के भाव से किया।
युग गायक श्री लाल बहादुर पटेल ने चिर परिचित स्वर में भक्ति रस की गंगा बहाई। तबले पर संगत निखिल पाण्डेय और ऑर्गन पर संगत श्री राम लखन शर्मा ने किया। कार्यक्रम में कथा वाचक श्री आनंद शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री रजनीश मल्होत्रा,अचल कुमार श्रीवास्तव, प्रकाश चन्द्र बरनवाल, चंद्रकेश यादव,पुनीत कुमार बरनवाल,श्री राम सिंह, पीयूष, मन्नू जी, देवांश बरनवाल,रोहित गुप्ता श्रीमती पुष्पा बरनवाल, निर्मला सिंह,नीतू, निवेदिता एवम् मीडिया प्रभारी रमन कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
भवदीय
रमन कुमार श्रीवस्तव
मीडिया प्रभारी
गायत्री परिवार, वाराणसी