लखनऊ। जीआरपी लाइन लखनऊ में फैला कोरोना संक्रमण जीआरपी मुख्यालय तक पहुंचाने की आशंका है। डीजीपी मुख्यालय (सिग्नेचर बिल्डिंग) के तृतीय तल स्थित जीआरपी मुख्यालय को फिलहाल दो दिनों के लिए सील कर दिया गया है। सैनिटाइजेशन के बाद यहां काम शुरू हो सकेगा। सिग्नेचर बिल्डिंग में आने वालों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव सिपाही चालक ने सिग्नेचर बिल्डिंग के भीतर प्रवेश नहीं किया था। अब तक डीजीपी मुख्यालय में कोई पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है। जीआरपी लाइन लखनऊ में अब तक 17 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एडीजी रेलवे संजय सिंघल के अनुसार उनके स्टाफ आफिसर एएसपी रफीक अहमद के सिपाही चालक को चार दिन पूर्व क्वारंटाइन किया गया था।
चालक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर एएसपी को भी होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। वह भी चार दिनों से कार्यालय नहीं आ रहे थे। नियमानुसार 48 घंटों तक जीआरपी मुख्यालय को बंद कर सैनिटाइज कराया जाएगा। अगले दो दिनों तक और साफ-सफाई कराई जाएगी। इसके बाद सोमवार से काम पूरी तरह से शुरू हो सकेगा। जीआरपी कंट्रोल रूम काम करता रहेगा।
64 पुलिसकर्मी लड़ रहे कोरोना से जंग : लॉकडाउन के चार चरणों में पुलिस ने भी कई उतार-चढ़ाव देखे। पुलिसकर्मी भी खुद को कोरोना संक्रमण की चपेट से बचा नहीं सके। हालांकि अन्य राज्यों की तुलना में यूपी पुलिस के जवानों की स्थिति अच्छी रही है। यही वजह है कि आला अधिकारी आने वाले दिनों में भी पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी व सक्रियता को लेकर आश्वस्त हैं। प्रदेश पुलिस के समय से लिए गए कुछ फैसले ही उसके लिए सबसे बड़ा कवच भी साबित हो रहे हैं। सूबे में फिलहाल 64 पुलिसकर्मी अब भी कोरोना से लड़ रहे हैं। अब तक करीब 160 पुलिसकर्मी इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें दो की मौत हो गई थी। 94 पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है
पुलिस भवनों में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित : महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों में पुलिसकर्मियों में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यूपी पुलिस राहत की सांस जरूर ले रही है। यूपी में करीब ढाई लाख पुलिसकर्मी हैं, जिनके कंधों पर कोरोना की जंग के साथ कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। दरअसल, कोरोना के पैर पसारते ही डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने सभी पुलिस कार्यालयों, पुलिस लाइन व भवनों में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद 55 वर्ष अथवा उस से अधिक आयु के अस्वस्थ्य पुलिसकर्मियों को कोरोना की फ्रंट लाइन ड्यूटी से हटा लिया गया था। पुलिस की ओर से बरते गए एहतियात ने ही उसका साथ निभाया।