कन्नौज से ठेकेदारी करने दिल्ली गए आदेश बन गए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

कन्नौज गुरसहायगंज के शास्त्री नगर के साधारण परिवार से आदेश कुमार गुप्ता ठेकेदारी के काम की तलाश में नई दिल्ली गए थे, वहां की राजनीति ऐसे रमे की आज भाजपा नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी है। एबीवीपी से छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले अादेश ने राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। आज पार्टी में उनकी पहचान जमीनी नेता के रूप में हैं।

राम मंदिर आंदोलन में गए थे

कन्नौज के गुरसहायगंज के शास्त्री नगर के रहने वाले पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष शंभू दयाल गुप्ता के बड़े पुत्र आदेश कुमार गुप्ता 1989 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति में उतरे थे। उस समय वह मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के छात्र थे और विद्यार्थी परिषद के जिला प्रमुख थे तब कन्नौज नगर फर्रुखाबाद जिले में शामिल था। एबीवीपी में सक्रिय आदेश ने राम मंदिर आंदोलन को सफल बनाने के लिए छात्रों को एकजुट किया था। वह बस भरकर छात्रों को लेकर गए थे

आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आदेश को वर्ष 1991-92 में कानपुर में बनी अस्थाई जेल में रखा गया था। उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें 1993 में विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद इटावा, औरैया फर्रुखाबाद की जिम्मेदारी भी मिली। वर्ष 1994-95 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री बने। घर वाले बताते हैं कि वर्ष 1996 में वह आगरा से घर वापस आ गए और फिर शादी हो गई। इसके परिवार को देखते हुए ठेकेदारी का काम शुरू किया, यहां काम न मिलने पर वह ठेकेदारी के लिए वर्ष 1997 नई दिल्ली चले गए थे।

दिल्ली में बनाई राजनीति की जमीन

नई दिल्ली में आदेश कुमार गुप्ता की पहचान एक जमीनी नेता के रूप में होती है। दिल्ली में बसेरा बनाने के बाद उन्होंने पार्टी में अपनी सक्रियता से राजनीति की जमीन तैयार की। वर्तमान में वह दिल्ली के पश्चिम पटेल नगर के पार्षद भी हैं। कन्नौज से दिल्ली जाने के बाद वह ठेकेदारी का काम करने लगे। इस बीच वह संघ और भाजपा के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे। उनकी सक्रियता को देखकर नेतृत्व ने उन्हें भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी दी।

वर्ष 2017 में वेस्ट पटेल नगर से पहली बार नगर निगम का चुनाव जीतकर पार्षद बने। वर्ष 2018 में उन्हें उत्तरी दिल्ली नगर निगम का महापौर बनाया गया। विधानसभा चुनाव के पहले उन्हें दिल्ली में बंगाली समाज को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आखिर उनकी मेहनत एक बार फिर रंग लाई और पार्टी नेतृत्व ने अब उन्हें नई दिल्ली शहर के अध्यक्ष की कमान सौंपी है।