नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से कारोबारी गतिविधियों के ठप पड़ने और मांग में कमी के कारण मई महीने में देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में भारी गिरावट दर्ज की गई। एक मासिक सर्वे में ऐसा कहा गया है। IHS Markit का सर्विसेज पीएमआई पिछले महीने 12.6 का रहा। हालांकि, अप्रैल के 5.4 के मुकाबले मई में आइएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स बेहतर हुआ है। इसके बावजूद यह आंकड़ा देश के सर्विसेज सेक्टर में बहुत अधिक गिरावट को दर्शाता है। पीएमआई पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।
IHS Markit में अर्थशास्त्री जो हाएज ने कहा, ”हालिया पीएमआई आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि मई में भी उत्पादन में जबरदस्त कमी की वजह से भारत में सर्विस सेक्टर की गतिविधियां बड़े पैमाने पर होल्ड पर ही हैं।”
#PMI data showed a severe decline in #India‘s services activity in May amid #COVID-19 restrictions. Job shedding persisted into the month while confidence remained weak. Read more: http://ihsmark.it/OfTq50zXlol
हाएज ने कहा कि घरेलू स्तर पर और वैश्विक स्तर पर मई में सर्विसेज की डिमांड काफी कम रही क्योंकि क्लाइंट्स के बिजनेस बंद रहे और फुटफॉल भी पहले से काफी कम हुई।
इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि कारोबार के बंद रहने और बहुत कम डिमांड होने की वजह से आउटपुट में और कमी आई है।
इसी बीच, मांग में कमी और आने वाले समय में परिस्थितियों के चुनौतीपूर्ण होने की आशंका में रोजगार के अवसर में कमी देखने को मिली है।
कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स भी मई महीने में निजी क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियों में भारी कमी की ओर इशारा कर रहे हैं। कम्पोजिट इंडेक्स में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों सेक्टर्स शामिल होते हैं।
हाएज ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट तय मानी जा रही है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि सकल घरेलू उत्पाद के कोविड-19 से पहले की स्थिति में पहुंचने में बहुत अधिक वक्त लगने वाला है। उन्होंने बहुत धीमी रिकवरी का अनुमान प्रकट किया है।