आजमगढ़ : प्रधान संपादन और प्रोफेसर गीता सिंह ‘ शिक्षक श्री ‘ अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग डी ए वी पी जी कॉलेज आजमगढ़ के संपादन और सुश्री निधि सिंह के उप – संपादन में निकलने वाली “अखिल गीत शोध दृष्टि (अंतरराष्ट्रीय शोध अर्द्ध वार्षिक जर्नल/पत्रिका)का संयुक्त अंक 21-22,वर्ष 14, माह जून 2024 का नया अंक (हिंदी और अंग्रेजी)में कुल 20 विद्वानों के शोध पत्रों के साथ 137 पृष्ठों में प्रकाशित होकर आ गया है।हमारे प्रत्येक अंक की तरह यह अंक भी बहुत समृद्ध है।
आप सभी को यह जानकारी देते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि जनपद आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से मेरे प्रधान संपादन और प्रोफेसर गीता सिंह ‘ शिक्षक श्री ‘ अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग डी ए वी पी जी कॉलेज आजमगढ़ के संपादन और सुश्री निधि सिंह के उप – संपादन में निकलने वाली “अखिल गीत शोध दृष्टि (अंतरराष्ट्रीय शोध अर्द्ध वार्षिक जर्नल/पत्रिका)का संयुक्त अंक 21-22,वर्ष 14, माह जून 2024 का नया अंक (हिंदी और अंग्रेजी)में कुल 20 विद्वानों के शोध पत्रों के साथ 137 पृष्ठों में प्रकाशित होकर आ गया है।हमारे प्रत्येक अंक की तरह यह अंक भी बहुत समृद्ध है।इस अंक में अपने शोध पत्रों को प्रेषित करने वाले सभी विद्वानों का जर्नल/पत्रिका परिवार हार्दिक आभार व्यक्त करता है।
इस अंक में जनपद आजमगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार/गजलकार डॉक्टर मुश्ताक अहमद ‘ अक्स ‘ जी के दो गजल संग्रह’ खामोश हलचल’ और ‘ सूर्य की अग्नि परीक्षा ‘ की प्रधान संपादक प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र ने ‘डॉक्टर मुश्ताक अहमद ‘ अक्स ‘ के गजल संग्रह में समाज के विसंगतियों पर करारा प्रहार ‘शीर्षक से पृष्ठ संख्या 109 -117 पर गहरी और विवेचना युक्त समीक्षा प्रस्तुत की है।डॉक्टर मुश्ताक अहमद ‘ अक्स ‘के दोनों गजल संग्रह में उन्हें उनकी लेखनी के परिदृश्य में राष्ट्रीय स्तर के रचनाकार के आस-पास उनके रचनाधर्म के आलोक में मूल्यांकन किया गया है।अक्स जी के रचना संसार में राहत इंदौरी,अल्लामा इकबाल,सलीम खान,अटल बिहारी वाजपेई,जावेद अख्तर,गोपाल सिंह नेपाली के साथ मुंशी प्रेमचंद के स्तर का साहित्य प्रतिबिंबित होता है।जनपद आजमगढ़ के इस महान विद्वान रचनाकर /गजलकार के दोनों गजल संग्रह पर विपुल साहित्य चर्चा की जरूरत है जिसे और विस्तार की आवश्यकता है।मैं इस पोस्ट के साथ अपनी समीक्षा भी प्रेषित कर रहा हूं जिसे पढ़कर यह समझा जा सकता है कि डॉक्टर मुश्ताक अहमद अक्स का रचना संसार कितना व्यापक और अभिनंदन योग्य है।जनपद आजमगढ़ को और समग्र साहित्य जगत को अपनी अनुपम दो गज़ल संग्रह खामोश हलचल और सूर्य की अग्नि परीक्षा देने के लिए डॉक्टर मुश्ताक अहमद अक्स जी को बहुत बहुत बधाई,आभार,आशीर्वाद और अनंत शुभकामनाएं कि वे ऐसे ही अपने गजल संग्रह से समाज को कुछ नया अपनी लेखनी से देते रहें।सादर।