वाराणसी। जिला प्रशासन ने मंगलवार को 26 और धर्मस्थलों को खोलने की अनुमति दे दी। मंगलवार से खुले नौ समेत अब तक प्रशासन ने 35 धर्मस्थल को अनुमति दे दी है। शहर में 545 धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों ने चेकलिस्ट जमा कर दिया है।
एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार से महामृत्युंजय मंदिर, बड़ा गणेश मंदिर, गोपाल मंदिर, दादी धाम मंदिर, बम्मी जी बड़ी मस्जिद अंधरापुल, लक्ष्मी मंदिर, ज्ञानवापी मस्जिद, संकठा मंदिर, पितांबरा मंदिर, आत्म ज्ञानेश्वर मंदिर, नया काशी विश्वनाथ मंदिर, पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, गुरुद्वारा गुरुबाग, बटुक भैरव मंदिर, हनुमान मंदिर शास्त्रीघाट, लाटशाही बाबा की मजार, चंडिका देवी माता मंदिर, अहिराबीर बाबा महामुनेश्वर मंदिर पहलू का पूरा, कुष्मांड विनायक मंदिर काशी खंड फुलवरिया, बड़ी मस्जिद सदर बाजार, खरबूजा शहीद मस्जिद, साई मंदिर नदेसर, छोटी मस्जिद अर्दलीबाजार, बड़ी मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन और श्री बड़े महादेव मंदिर महावीर चौराहा अर्दलीबाजार को अनुमति प्रदान की गई।
आज से खुलेंगे चार माल
सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को पूरा कर लेने पर जिला प्रशासन चार माल को खोलने की अनुमति दे दी है। चारो माल ने चेक लिस्ट जो सौंपा था उसकी जांच की गई तो वे सही पाए गए। इस आधार पर क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट ने आइपी माल सिगरा, आइपी माल विजया, पीडीआर माल गोदौलिया, जेएचवी माल कैंटोमेंट को 10 जून से खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत नौ धर्मस्थल खुले
कोरोना संकट के कारण ढाई माह से बंद नौ धर्मस्थलों के पट मंगलवार को श्रद्धालुओं के लिए खुल गए। इसमें बाबा दरबार, अन्नपूर्णा दरबार, बाबा कीनाराम स्थली समेत देव स्थल और नदेसर मस्जिद व नीचीबाग गुरुद्वारा में चहल-पहल दिखी। थर्मल स्कैनिंग, शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजेशन और संख्या बल का ख्याल रखते हुए पूजा-आराधना की गई।
विश्वनाथ मंदिर में मास्क और हाथ सैनिटाइज कराने के बाद एक बार में पांच लोगों को गेट नंबर चार से प्रवेश और इसी मार्ग से निकास की व्यवस्था दी गई। शासन की गाइड लाइन अनुसार श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश से वंचित रहे। उन्हें बाहर से ही झांकी दर्शन करना पड़ा। शाम तक पांच सौ भक्तों ने दर्शन कर लिया। हालांकि बाबा को बेल पत्र व जल-दूध चढ़ाने से वंचित रहे। हर एक घंटे पर परिसर को सैनिटाइज किया गया।
अनुष्ठान को नहीं आए लोग
काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजन-अनुष्ठान के लिए प्रशासन की ओर से 50 टिकट की बिक्री का निर्देश दिया गया है। इसमें एक शास्त्री को ही ऑनलाइन व आफलाइन के लिए अनुमति रहेगी। इस व्यवस्था के बाद भी पहले दिन कोई श्रद्धालु इसके लिए आगे नहीं आया।
अन्नपूर्णा दरबार में लगाई जुहार
श्रीकाशी विश्वनाथ परिसर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर सुबह 6.30 बजे खोला गया। शाम तक पांच सौ लोगों ने दर्शन किया। श्रद्धालुओं को गेट नंबर एक से प्रवेश व निकास व्यवस्था दी गई। गुरु बृहस्पति मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर, शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर, रवींद्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम स्थली, नीचीबाग गुरुद्वारा, नदेसर जामा मस्जिद में भी श्रद्धालु इबादत के लिए पहुंचे। प्रशासन की अनुमति के बाद भले ही ढाई माह बाद धर्म स्थल खुले लेकिन भीड़ काफी कम रही।