कोरोना संक्रमण के चलते सुप्रीम कोर्ट की समिति अभी नियमित अदालत की बहाली के पक्ष में नहीं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की समिति बार एसोसिएशनों की अदालतों में नियमित सुनवाई बहाल करने की मांग से फिलहाल सहमत नहीं है। समिति 30 जून को महामारी की स्थिति के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के कामकाज की फिर समीक्षा करेगी।

प्रधान न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज एनवी रमना की अध्यक्षता वाली समिति ने राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के कामकाज की समीक्षा की। साथ ही समिति ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन की मांग पर विचार किया। इससे पहले समिति ने पांच जून को होने वाली बैठक स्थगित कर दी थी।

अदालत में हो रही है वर्चुअल सुनवाई

मालूम हो कि 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से शीर्ष अदालत वर्चुअल सुनवाई कर रही है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन अदालत कक्षों में नियमित सुनवाई बहाल करने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का कहना था कि अदालत कक्षों में नियमित सुनवाई शुरू होना बेहद जरूरी है ताकि वकीलों को आजीविका कमाने का मौका मिल सके।

देश में कोरोना का संक्रमण

वहीं, दूसरी ओर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में पहली बार कुछ सुकून देने वाली खबर आई है। देश में स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों से ज्यादा हो गई है। करीब 49 फीसद मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1,35,206 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या 1,33,632 है। पिछले एक-दो दिनों से स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या लगातार ज्यादा आ रही है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में पहली बार ठीक हुए मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों से ज्यादा हुई है। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक 48.99 फीसद मरीज अब तक स्वस्थ हुए हैं।