*TV20 NEWS|| LUCKNOW :मंदिर के पुजारी का वो काला राज…जिसके चलते करवा दी गई पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या!

लखनऊ। प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हत्या के 34 दिन बाद गुरुवार को पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया है कि पत्रकार की हत्या की सुपारी यहां के एक पुजारी बाबा शिवानंद उर्फ विकास राठौर ने दी थी। मामला पुजारी के कुकर्म से जुड़ा है। पुलिस ने बाबा के साथ सुपारी लेने वाले निर्मल सिंह और असलम गाजी को भी धर दबोचा है। हालांकि, पत्रकार की हत्या करने वाले शूटर अभी पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं।
दरअसल, 8 मार्च को लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हेमपुर रेलवे क्रासिंग के पास बने ओवर ब्रिज पर बाइक सवार हमलावारों ने पहले राघवेंद्र बाजपेई की बाइक को टक्कर देकर गिराया था। फिर उन पर तीन राउंड फायरिंग की थी। गोलीबारी की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर इकट्ठा हुए। पुलिस ने राघवेंद्र को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, तीन गोली उनके कंधे और सीने में लगी थी। वहीं एक बुलेट कपड़ों में फंसी मिली थी. परिजनों के मुताबिक, राघवेंद्र को घटना के दिन दोपहर किसी व्यक्ति का फोन आया। बात करने के बाद राघवेंद्र घर से निकला था। जिसके कुछ देर बार राघवेंद्र को गोली मारे जाने की सूचना मिली थी। परिजनों का कहना है कि राघवेंद्र की खबर को लेकर उन्हें वारदात के करीब 10 दिन पहले भी जान से मारने की धमकी मिली थी।

घटना के बाद से ही एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर क्राइम ब्रांच निरीक्षक सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में तीन टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया। वहीं, एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह के नेतृत्व में कुल 12 टीमों ने अपनी जांच शुरू की। 34 दिनों में एक हजार से अधिक नंबरों को रडार पर लिया गया। वहीं, सवा सौ संदिग्धों से पूछताछ की गई टीमों ने करीब 250 सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले।
पुलिस ने धान सिंडिकेट, खीरी में एक शख्स से करीबी के साथ साथ कारेदेव बाबा मंदिर में राघवेंद्र संग एक पुजारी की करीबियों के एंगल पर पड़ताल शुरू की। सीसीटीवी कैमरों में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर, राघवेंद्र के घर के आसपास और महोली कस्बे में संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए। इन पर शक पुख्ता होते ही गहनता से जांच की गई। पूछताछ में कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर, उनके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में सामने आया कि राघवेंद्र के हाथ शिवानंद बाबा के कुछ ऐसे राज लग गए थे, जिससे उनकी काफी बदनामी होती। इसका जिक्र शिवानंद ने अपने करीबी निर्मल सिंह से किया। निर्मल सिंह ने असलम गाजी की मदद से दो शूटरों को राघवेंद्र की सुपारी दी। इसके बाद रेकी कर शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी।