आजमगढ़ : कोविड – 19 के नियमों का राजनैतिक पार्टियाँ व सामाजिक संगठन कर रहे हैं उलंघन, ध्यान दें अन्यथा होगी कार्रवाई

आजमगढ़ 09 सितम्बर– अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन नरेन्द्र सिंह ने अवगत कराया है कि वर्तमान समय में कोविड-19 का संक्रमण आम जन मानस में बहुत ही तेजी से फैल रहा है, जिससे बचाव के लिए कतिपय गतिविधियों को प्रारम्भ करने के सम्बंध में दिशा निर्देश (अनलॉक-04) निर्गत किये गये हैं। जिसके अनुसार समस्त सामाजिक/राजनैतिक/खेल/मनोरंजन/शैक्षिक/सांस्कृतिक/धार्मिक कार्यक्रम/अन्य सामूहिक गतिविधयाँ निषिद्ध की गयी हैं।
उन्होने बताया कि जनपद की सम्पूर्ण सीमा में धारा-144 दण्ड प्रक्रिया संहिता लागू की गयी है, जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि एक स्थान पर न तो 05 से अधिक लोग एकत्रित होंगे और न ही सामाजिक/राजनैतिक गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी। इसके पूर्व सभी राजनैतिक दलों के जिलाध्यक्ष/मंत्रियों को लिखित रूप से अवगत कराते हुए अनुरोध किया जा चुका है, इसके बावजूद भी प्रायः यह देखने में आ रहा है कि कुछ राजनैतिक पार्टियाँ व सामाजिक संगठनों के लोगों द्वारा कोविड-19 के बचाव के दिशा-निर्देशों व धारा-144 दण्ड प्रक्रिया संहिता का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन व ज्ञापन देने का कार्य किया जा रहा है तथा समूह के रूप में ज्ञापन देने हेतु ये लोग कलेक्ट्रेट परिसर में घुस आते हैं तथा नारे बाजी करने लगते हैं।
उन्होने कहा कि कलेक्ट्रेट परिसर में एक साथ समूह के रूप में 05 से अधिक व्यक्तियों को प्रवेश/ज्ञापन देने हेतु प्रतिबंधित किया जाता है तथा कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य द्वार पर ज्ञापन प्राप्त करने हेतु विमल चन्द दूबे डिप्टी कलेक्टर/अतिरिक्त मजिस्ट्रेट-प्रथम, मो0नं0 8707548511, की सोमवार, मंगलवार, बुधवार हेतु तथा धीरज श्रीवास्तव डिप्टी कलेक्टर/अतिरिक्त मजिस्ट्रेट-द्वितीय, मो0नं0 6394490333, की वृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार को ड्यूटी लगायी गयी है।
यदि कोई भी सामाजिक/राजनैतिक संगठन के लोग कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर ज्ञापन देने आते हैं, तो वहां पर तैनात सुरक्षा प्रहरियों द्वारा तुरन्त उपरोक्त अधिकारियों को सूचित किया जायेगा तथा उन्हें कलेक्ट्रेट में प्रवेश से रोके रखेंगे। ये अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचकर ज्ञापन प्राप्त करेंगे। एक अधिकारी की आकस्मिकता अथवा अनुपस्थिति की स्थिति में दूसरा अधिकारी उनका लिंक आफिसर होगा। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये तथा इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।