विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण करने वालों पर की जारही है लगातार कार्रवाई

आजमगढ़ 26 सितम्बर 2020– सचिव, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण बैजनाथ ने बताया है कि निर्माण स्थल-मौ0 मड़या जयराम स्थित लगभग 50 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में पूर्व निर्मित बाउण्ड्रीवाल/आंगन के अन्दर पिलर्स खड़े कर बेस एवं आइसोलेटेड फुटिंग का निर्माण कार्य प्रारम्भ करने पर आजमगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा प्राप्त शिकायती पत्र के क्रम में स्थल निरीक्षण कर नरेन्द्र कुमार सिंह के विरूद्ध वाद संस्थित कर उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा-27 व 28 के अन्र्तगत क्रमशः कारण बताओ तथा अनधिकृत निर्माण कार्य रोकने की नोटिस दिनांक 26 अगस्त 2020 को निर्गत करते हुये प्राकृतिक न्याय की अवधारणा से विपक्षी का पक्ष सुने जाने हेतु दिनांक 04 सितम्बर 2020, 11 सितम्बर 2020 एवं 18 सितम्बर 2020 की सुनवाई की तिथियां नियत की गयी।
उक्त नियत सुनवाई तिथि पर नरेन्द्र कुमार सिंह द्वारा पुराना निर्माण के क्रम में अधिनियम की धारा-52 के सन्दर्भ को इंगित करते हुये निर्माण अनुज्ञा से छूट का पक्ष रखा गया है, किन्तु धारा-52 का लाभ विपक्षी को तभी मिल सकता है, जब पूर्व में विपक्षी का निर्माण विनियमित क्षेत्र अथवा प्राधिकरण से स्वीकृत हो तथा उक्त में संरचना एवं स्वरूप को बिना प्रभावित किये मात्र आन्तरिक परिवर्तन/परिवर्द्धन, खिड़की, दरवाजा, छत बदलने का कार्य किया जा रहा हो, किन्तु प्रासंगिक प्रकरण में उक्त स्थिति बिल्कुल नहीं है। विपक्षी नरेन्द्र कुमार सिंह द्वारा पूर्णतः नया निर्माण किया जा रहा है, जो धारा-52 के प्राविधान से आच्छादित नहीं है।
नरेन्द्र कुमार सिंह द्वारा 1997 एसीजे अनुराग पाठक बनाम इलाहाबाद विकास प्राधिकरण की रूलिंग दाखिल की गयी, जो नरेन्द्र कुमार सिंह के प्रकरण में लागू नहीं है, क्योंकि इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अनुराग पाठक के मानचित्र को सिविल लाईन्स विशेष जोन में 200 वर्ग मीटर से कम के मानचित्र स्वीकृत न करने के विशेष प्राविधान के क्रम में मानचित्र निरस्त किया गया था, जिसे मा0 उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर अनुराग पाठक के मानचित्र को नियमानुसार निस्तारण का आदेश दिया गया है।
नरेन्द्र कुमार सिंह को प्रासंगिक स्थल पर निर्माण कार्य बन्द करने हेतु दिनांक 26 अगस्त 2020, 04 सितम्बर 2020, 10 सितम्बर 2020, 21 सितम्बर 2020 को अधिनियम की धारा-28 (2) प्राविधान के अन्तर्गत बलपूर्वक निर्माण कार्य रोकवाने हेतु प्रभारी निरीक्षक, थाना-कोतवाली (शहर), आजमगढ़ को पत्र प्रेषित किया गया है। प्राधिकरण प्रर्वतन टीम एवं पुलिस बल के सहयोग से कई बार निर्माण स्थल पर संयुक्त रूप से कार्य रोकवाया गया, किन्तु स्थल से हटने के बाद विपक्षी द्वारा पुनः कार्य प्रारम्भ कर लिया जाता है। विपक्षी यथा अद्यावधिक प्रासंगिक स्थल का भू-स्वामित्व अभिलेख तथा शमन मानचित्र भी आजमगढ़ विकास प्राधिकरण में दाखिल नहीं किया गया है तथा आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के बार-बार रोकने के आदेश के बाद भी स्थल पर निर्माण कार्य गतिमान रखा जा रहा है।
उक्त के क्रम में प्रासंगिक अनधिकृत निर्माण स्थल को उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा-28 (क) के प्राविधान के अन्तर्गत प्राधिकरण स्टॉफ एवं थाना-कोतवाली (शहर), आजमगढ़ की पुलिस बल के सहयोग से दिनांक 24 सितम्बर 2020 को सील कर थाना-कोतवाली (शहर), आजमगढ़ की अभिरक्षा में दे दिया गया है। सीलबन्दी की कार्यवाही का उल्लंघन करने पर निर्माणकर्ता के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी।