ब्यूरों रिपोर्ट
जिलाधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय उर्वरक समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि समस्त थोक उर्वरक विक्रेता, फुटकर विक्रेता को यूरिया, डीएपी, एमओपी के साथ किसी भी प्रकार का अन्य उत्पाद को टैग नही करेगे साथ ही फुटकर विक्रेता द्वारा कृषक को चाहे गये उर्वरक के अतिरिक्त अन्य उत्पाद की टैगिंग नही करेगे। समस्त उर्वरक प्रदाकर्ता द्वारा थोक उर्वरक विक्रेताओं को अनचाहे उत्पाद को उर्वरकों के साथ टैग नही करेगे।
उन्होने कहा कि यह भी सुनिश्चित करेगे कि कृषकों को उर्वरकों की बिक्री निर्धारित दर पर ही किया जाय। यथा-यूरिया रू0 266.50/-बोरी, प्रीपोजिसनिंग इफको डीएपी रू0 1150.00/-बोरी, आईपीएल, पीपीएल और एनएफएल डीएपी रू0 1200.00/- बोरी, एनपीकेएस रू0 900/-बोरी एवं एमओपी रू0 875/- बोरी बिक्रय दर निर्धारित है।
उन्होने कहा कि किसी भी फुटकर उर्वरक विक्रेता को पाॅस मशीन में क्षमता से अधिक उर्वरकों की आपूर्ति कदापि न की जाय, सम्बन्धित फुटकर उर्वरक विक्रेता के पाॅस मशीन मंे उपलब्ध स्टाक को मिलाने के पश्चात ही उर्वरक की आपूर्ति की जाय। ऐसे फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक की आपूर्ति कदापि न की जाय जिसकी पाॅस मशीन खराब हो।
उन्होने कहा कि समस्त थोक विक्रेता, फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को अपने स्तर से निर्देश दे कि बिना आधार कार्ड के उर्वरक विक्रय न किया जाय, साथ ही जोत/खतौनी के आधार पर ही उर्वरक की विक्रय किया जाय।
समस्त थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को क्यूआर कोड बनवाया जाना है। 1600 क्यूआर कोड बनाये जाने है जिसमंे अभी 150 क्यूआर कोड बनाये गये है। जिस पर जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि बचे हुए 1450 थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के क्यूआर कोड तीन दिन के अन्दर बनावाना सुनिश्चित करे, जिससे कृषकों द्वारा कैशलेस उर्वरक की खरीदारी की जा सके। समस्त थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेता क्यूआर कोड अपने प्रतिष्ठान पर चस्पा करे।
इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी हरिशंकर, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गुरू प्रसाद, अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी डा0 उमेश कुमार गुप्ता सहित सम्बन्धित थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेता उपस्थित रहे।