धान की विलंब से रोपी गयी विशेष कर संकर प्रजातियों में कण्डुवा रोग की दी गई जानकारी

आजमगढ़ 06 अक्टूबर– उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ गोपाल दास गुप्ता ने अवगत कराया है कि धान की विलंब से रोपी गयी विशेष कर संकर प्रजातियों में कण्डुवा रोग लगने की संभावना बढ़ गयी है। तापमान में कमी होने व नमी अधिक होने पर रोग का प्रकोप बढ़ने की संभावना और अधिक हो जाती है।
उन्होने बताया है कि कण्डुवा रोगएक बहुत ही गंभीर रोग है, इस रोग में बालियों के दानें शुरूआत में गहरे पीले पड़ते हैं, बाद में फूलकर काले रंग के हो जाते हैं। हाथ से दाने को छूने पर हाथ में पीले अथवा हरे रंग के पाउडर जैसे रोग के स्पोर लग जाते हैं।
उन्होने बताया कि यह बीज जनित बीमारी है, फलतः बुवाई से पूर्व कार्बेण्डाजिम की 02 ग्राम या ट्राइकोडर्मा की 05 ग्राम मात्रा से प्रति कि0ग्रा0 बीज का शोधन करना चाहिए। नाइट्रोजन (यूरिया) का कम प्रयोग करना चाहिए। प्रमाणित एवं रोग प्रति रोधी किस्मों का चयन करना चाहिए। वर्तमान में किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहें, यदि बीमारी से ग्रसित पौधें दिखाई दें तो तुरंत प्रभावित पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें व खेत से पानी निकाल दे तथा कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 500 ग्राम मात्रा या प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत ईसी की 500 मिली0 मात्रा को 500 ली0 पानी में घोलकर प्रति हे0 छिड़काव करें, आवश्यक होने पर 8-10 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें।
फसल सुरक्षा की अधिक जानकारी अथवा अन्य किसी समस्या के समाधान हेतु किसान भाई अपने विकास खण्ड स्थित कृषि रक्षा इकाई के प्रभारी से अथवा उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ से मो0न0 9415592498 पर संपर्क कर सकते हैं।