किसान शरदकालीन गन्ना बुवाई अपनाये, दोहरा लाभ कमाये- जिला गन्ना अधिकारी

शरदकालीन गन्ने की बुवाई करें एक बार, लाभ कमाये कई बार-जिला गन्ना अधिकारी

आजमगढ़ 08 अक्टूबर– जिला गन्ना अधिकारी अशर्फी लाल ने बताया कि शरदकालीन गन्ना बुवाई को कृषकगण अपनाकर गन्ने की अच्छी पैदावार के साथ-साथ उसके मध्य खाली पड़े स्थान का सदुपयोग करके सह फसली के रूप में तिलहनी, दलहनी फसलों की बुवाई करके अतिरिक्त आय के अलावा अपनी मृदा उर्वरकता को बढ़ा सकते है। किसान भाई यदि शरदकालीन बुवाई ट्रेंच विधि से 04 फीट की दूरी पर बुवाई करते हैं तो ट्रेंचों के बीच जो स्थान खाली रहता है, गन्ने के बोये गये टुकड़ों को 03 फीट तक बढ़ने में लगभग तीन माह तक का समय लग जाता है। ऐसी स्थिति में खाली पड़े स्थान को शरदकाल में कृषक गन्ने के साथ सरसों, मसूर, गेहूँ तथा आलू आदि अल्पअवधि की फसलें बो करके अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के साथ-साथ खाद एवं उर्वरक के साथ-साथ अन्य खर्चे भी निकल सकते हैं। शरदकालीन गन्ने की बुवाई करने से कृषकों को पेड़ी के साथ ही पर्चियाँ उपलब्ध हो जाती है। जिससे गन्ने की आपूर्ति मिल चलने के शुरूआती दौर में ही हो जाती है। परिणामस्वरूप गेहूँ की बुवाई समय से की जा सकती है।
उन्होनेकृषक भाइयों से अनुरोध किया है कि शरदकालीन बुवाई ट्रेंच विधि से 2 आँख के टुकड़ों की बुवाई अवश्य करें।