आजमगढ़ 04 नवंबर– मुख्य राजस्व अधिकारी हरी शंकर व अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 गुरू प्रसाद द्वारा संयुक्त रूप से फसल अवशेष प्रबंधन के प्रचार प्रसार के लिए कृषि विभाग द्वारा 04 विकास खण्डों हेतु संचालित 04 प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 ने बताया कि उक्त 04 प्रचार वाहन फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में किसानांे में जागरूकता के लिए विकास खण्ड मुहम्मदपुर, तहबरपुर, रानी की सराय एवं मिर्जापुर के लिए रवाना किया गया है। इन प्रचार वाहनों के द्वारा उक्त विकास खण्डों के ग्राम पंचायतों में फसल अवशेष प्रबंधन व पराली जलाने पर दण्ड के क्या प्रावधान हैं, और फसल अवशेष प्रबंधन पर एनजीटी के गाइड लाइन से किसानों को जागरूक करेगी।
उन्होने बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अन्तर्गत खेत में फसल जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है, पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु दण्ड के प्राविधान में 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू0 2500/- प्रति घटना, 02 एकड़ से 05 एकड़ के लिए रू0 5000/- प्रति घटना, 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू0 15000/- प्रति घटना एवं अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा।
उन्होने आगे बताया कि प्रत्येक प्रचार वाहनों पर कृषि विभाग के कर्मचारी लगाये गये हैं, जो स्वयं फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में किसानों को माइक के द्वारा जागरूक करेंगे।
इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता उपस्थित रहे।