राजस्व प्रशासन के द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने हेतु दो महीने का चलेगा अभियान

आजमगढ़ 11 दिसम्बर– अपर जिलाधिकारी भू0/रा0 हरी शंकर ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अवगत कराया है कि शासनादेश के अनुसार राजस्व अभिलेखों को अद्यतन रखने के दृष्टिगत शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि राजस्व प्रशासन के द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने हेतु दिनांक 15 दिसम्बर 2020 से 15 फरवरी 2021 तक दो माह का विशेष अभियान चलाया जाय। निर्विवाद वरासत हेतु आवेदन पत्रों के निस्तारण हेतु उ0प्र0 राजस्व संहिता नियमावली 2016 के नियम-29 व परिषदादेश के निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाय, परन्तु आवेदन पत्रों के अग्रसारण व उस पर की जा रही जॉच आख्या आदि को अंकित करने की कार्यवाही ऑनलाईन प्रक्रिया के अनुसार ही की जायेगी।
अपर जिलाधिकारी भू0/रा0 ने समस्त उप जिलाधिकारियों से कहा है कि उ0प्र0 राजस्व संहिता में उल्लिखित प्राविधानों के अनुसार संक्रमणीय भूमिधरी व अविवादित वरासत दर्ज कराये जाने के सम्बन्ध में विशेष अभियान चलाये जाने के दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिसके अन्तर्गत दिनांक 15 दिसम्बर 2020 से 30 दिसम्बर 2020 तक राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार-प्रसार तथा खतौनियो का पढा जाय तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें आनलाईन भरा जाना, दिनांक 31 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था लेखपाल द्वारा आनलाईन जॉच की प्रकिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना, दिनांक 16 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था राजस्व निरीक्षक जाँच एवं आदेश पारित करने की प्रकिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना तथा राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में अद्यावधिक करना, दिनांक 01 फरवरी 2021 से 07 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। दिनांक 08 फरवरी 2021 से 15 फरवरी 2021 तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जाँच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। दिनांक 31 दिसम्बर 2020, दिनांक 17 जनवरी 2021 तथा 02 फरवरी 2021 को जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाईट पर फीड करने की तिथि एवं दिनांक 20 फरवरी 2021 को जनपदों द्वारा परिषद को संलग्न निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जाने की समय सीमा निर्धारित की गयी है।
उक्त के अतिरिक्त शासन द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में इस अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय। अभियान को गति प्रदान करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी के द्वारा नियत तिथि पर राजस्व ग्रामों का निरीक्षण किया जायेगा। उपजिलाधिकारी/तहसीलदार प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये उपरोक्तानुसार भ्रमण कार्यक्रम तैयार करते हुए सभी राजस्व निरीक्षकों/लेखपालों को सूचित करेंगे तथा उसकी एक प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, अन्य शासकीय विभागों को उपलब्ध कराने के साथ प्रिण्ट मीडिया को भी उपलब्ध करायेंगे तथा उसकी एक प्रति भूलेख अनुभाग में उपलब्ध करायेंगे। जिन ग्रामों के अधिकतर काश्तकार अन्य स्थानों पर निवास करते हों, उन ग्रामों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
अपर जिलाधिकारी भू0/रा0 ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शासन द्वारा निर्गत उक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित करते हुए प्रतिदिन की प्रगति सूचना अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें