तीन चरणों में वृहद स्तर पर चलेगा अभियान- 25 जनवरी तक खोजे जाएंगे टीबी के छिपे मरीज

ब्यूरो रिपोर्ट 

 

आजमगढ़ 29 दिसम्बर– राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी हारेगा-देश जीतेगा एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान 26 दिसम्बर से 25 जनवरी तक चलाया जाएगा, यह अभियान एक महीने तक तीन चरणों में चलेगा। अभियान में छिपे हुये टीबी के मरीजों को खोजा जाएगा। इसके साथ ही एचआइवी एवं डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों की टीबी की जांच की जाएगी। निजी चिकित्सकों, निजी लैब एवं मेडिकल स्टोर में भी एसीएफ चलाया जाएगा तथा उन्हें टीबी संबंधित जानकारी भी दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 परवेज अख्तर ने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण में 26 दिसम्बर 01 जनवरी तक जनपद के जिला कारागार, वृध्दा आश्रम, वनवासि आश्रम स्थलों पर क्षय रोग की जांच की जा रही है। अभी तक 835 लोगों की स्क्रीनिग की गयी है, जिसमें 43 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं, जिसमे 22 लोगों के टीबी की जाँच की गयी है, जिसमें कोई भी टीबी का मरीज नही पाया गया। इसके साथ ही दूसरे चरण में 02 जनवरी से 12 जनवरी तक जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों घर-घर मलिन एवं हाई रिस्क जनसंख्या में क्षय रोग के मरीजों को खोजने के लिए एसीएफ अभियान चलाया जाएगा, जिसमें जनपद की कुल आबादी के 20 प्रतिशत जनसंख्या की टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। तीसरे चरण में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सकों, प्राईवेट हॉस्पिटल, प्राईवेट नर्सिग होम, निजी लैब, पैथालॉजी व मेडीकल स्टोर से संपर्क स्थापित कर एसीएफ अभियान चलेगा और उन्हें क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए जाएंगे।
जिला कार्यक्रम समन्वयक पियूष अग्रवाल ने बताया दुसरे चरण 02 जनवरी 12 जनवरी तक चलने वाले चरण में कुल 450 टीमें टीबी की स्क्रीनिंग का कार्य करेंगी। उन्होंने बताया कि एक माह के इस अभियान में जनपद की 20 प्रतिशत जनसंख्या की टीबी स्क्रीनिंग की जाएंगी। अभियान का मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक क्षय रोग की उपलब्ध सुविधाओं को आम जनमानस तक पहुंचाना है। यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराए। जनपद में क्षय रोगियों की जांच एवं उपचार पूर्णतया निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होने बताया कि जनपद में जनवरी 2020 से अब तक कुल 3667 टीबी रोगीयों इलाज किया गया, जिसमें 1210 मरीज स्वस्थ हुए, शेष इलाज पर रखें गए है।
जिला कार्यक्रम समन्वय पीयुष अग्रवाल ने बताया कि घर-घर जाकर किया जाएगा, सर्वे अभियान के तहत लोगों को बताया जाएगा कि यदि दो हफ्ते से अधिक खांसी है, तो जरूर जांच करवाएं। साथ ही टीबी के लक्षण के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। मरीज मिलने के बाद डॉट्स सेंटर से भी उन्हें जोड़ा जाएगा।
निक्षय पोषण योजना के तहत नये मरीज मिलने के बाद उन्हें इलाज के दौरान 500 रुपए प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह 500 रुपए पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जाएगा। एक मरीज को छह महीने तक दवा चलती है। मरीज के ठीक होने के बाद यह राशि बंद कर दी जाएगी।