आजमगढ़ : 15 दिसम्बर से 31 जनवरी तक लागू रहेगी एकमुश्त समाधान योजना

अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड प्रथम अरविन्द कुमार सिंह ने बताया है कि कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना लागू की गयी है। इस योजना में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समस्त एलएमवी-2 (वाणिज्यिक), एलएमवी-4बी (निजी संस्थान) एवं एलएमवी-6 (औद्योगिक) श्रेणी के बकायेदारों को उनके दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक के विद्युत बकाये पर सरचार्ज के रूप में लगायी गयी धनराशि में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
उन्होने बताया कि यह योजना दिनांक 15 दिसम्बर 2020 से 31 जनवरी 2021 तक लागू रहेगी। बकायेदार उपभोक्ता इस अवधि में अपना पंजीकरण करवाकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है। उपभोक्ता को योजना में पंजीकरण सम्बन्धित अधि0 अभि0/एसडीओ कार्यालय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सीएससी केन्द्रों पर ऑनलाइन कराना होगा। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता स्वयं भी योजना में पंजीकरण उ0प्र0 पा0का0लि0 की वेबसाइट www.upenergy.in पर करा सकेगा।
इस योजना का लाभ पाने हेतु उपरोक्त श्रेणी के उपभोक्ताओं का योजना के अन्तर्गत सर्वप्रथम ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य होगा। योजना में उपभोक्ता के ऑनलाइन पंजीकरण के समय खाता संख्या फीड करते ही उपभोक्ता का समस्त विवरण यथा पंजीकरण हेतु देय धनराशि, मूल बिल धनराशि, सरचार्ज में छूट, भुगतान की स्थिति इत्यादि परिलक्षित होगी। पंजीकरण के समय उपभोक्ता का फोन नम्बर एवं बिल संशोधन का विकल्प अवश्य लिया जायेगा। पंजीकरण के समय उपभोक्ताओं को उनके माह नवम्बर 20 तक के विद्युत बीजक में प्रदर्शित मूल धनराशि का 30 प्रतिशत एवं दिनांक 30 नवम्बर 2020 के उपरान्त के वर्तमान देयों के साथ जमा करना होगा, जिसके बाद ही उनका पंजीकरण पूर्ण होगा। पंजीकरण के बाद यदि उपभोक्ता बिल संशोधन का विकल्प चुनता है तो सम्बन्धित विद्युत वितरण खण्ड के अधिशासी अभियन्ता का यह दायित्व होगा कि वह संशोधन का विकल्प दर्ज होने की तिथि से अधिकतम 07 दिन के अंदर उपभोक्ता का बिल ऑनलाईन संशोधित करें, जिससे उपभोक्ता को तत्काल एसएमएस के माध्यम से संशोधित बिल की सूचना प्रेषित हो जाये। उपभोक्ता स्वयं भी अपना संशोधित बिल वेबसाईट पर देख सकता है। किसी भी स्थिति में मैन्युअल रसीद से भुगतान प्राप्त नहीं किया जायेगा एवं सभी भुगतान ऑनलाइन-ओटीएस मद में ही लिये जायेंगे।
इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के एलएमवी-2 (वाणिज्यिक), एलएमवी-4बी (निजी संस्थान) एवं एलएमवी-6 (औद्योगिक) दर श्रेणी के पंजीकृत उपभोक्ताओं द्वारा दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक के बकाये पर लगे अधिभार को छोड़ते हुए भुगतान करने की तिथि तक की सम्पूर्ण देय धनराशि (अर्थात 30 नवम्बर 2020 तक का मूल बकाया $30 नवम्बर 2020 के बाद से भुगतान करने की तिथि तक सृजित समस्त मासिक बिल$ 30 नवम्बर 2020 के बाद सृजित मासिक बिल पर भुगतान करने की तिथि तक का अधिभार, पंजीकरण के समय प्राप्त कर ली गई राशि को छोड़ते हुए) का भुगतान विलम्बतम् दिनांक 28 फरवरी 2021 तक अवश्य जमा करना होगा। उपभोक्ता उक्त भुगतान निर्धारित अवधि के अन्तर्गत अपनी सुविधा अनुसार किश्तों में अथवा एकमुश्त भी जमा कर सकता है। किश्तों में भुगतान की सुविधा सीएससी पर उपलब्ध नहीं होगी। उपरोक्तानुसार सम्पूर्ण धनराशि जमा किये जाने पर दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक के बकाये पर लगा अधिभार शत-प्रतिशत समाप्त कर दिया जायेगा। अन्यथा उनका पंजीकरण स्वतः रद्द हो जायेगा तथा पंजीकरण के समय जमा राशि में से रु0 2000 अथवा वास्तविक जमा राशि, जो भी न्यूनतम हो, जब्त कर शेष जमा धनराशि को बकाये में समायोजित करते हुये उसके बिल में पुनः ब्याज का निर्धारण कर दिया जायेगा।
कुछ उपभोक्ताओं के विवादित देय धनराशि, कटे संयोजनों पर बिल जारी होते रहने व इसी प्रकार के अन्य कारणों से बिल संशोधन की आवश्यकता पड़ेगी। बिल का संशोधन व अवास्तविक धनराशि के अपलेखन हेतु अधिशासी अभियन्ता से निम्न स्तर का कोई अधिकारी/कर्मचारी अधिकृत नहीं होगा। अतः जिन बकायेदारों के बिल संशोधित होने हैं उनको पंजीकरण के पश्चात शुद्ध बिल जारी करना अधिशासी अभियन्ता का उत्तरदायित्व होगा। इस योजना के अन्र्तगत ऐसे नियमित विद्युत संयोजन वाले उपभोक्ता भी अर्ह होंगे, जिनके परिसर में चेकिंग के दौरान अनियमितता पाये जाने पर उनके विरुद्ध राजस्व निर्धारण कर बिल निर्गत किया गया है। उ0प्र0 शासन को जमा की जाने वाली शमन शुल्क की धनराशि इस योजना से आच्छादित नहीं रहेगी।
इस योजना के अन्र्तगत स्थाई रूप से विच्छेदित बकायेदारों के प्रकरण भी समाधान हेतु अर्ह होंगे। इन उपभोक्ताओं पर पंजीकरण की कार्यवाही नही की जायेगी, वरन ऐसे उपभोक्ताओं के पीडी फाइनल बिल के सापेक्ष वितरण निगम द्वारा योजना अवधि में छूट की गणना मैन्यूअली करते हुए अधिभार की छूट के उपरान्त भुगतान योग्य धनराशि का ऑनलाइन भुगतान एकमुश्त अथवा किश्तो में (पार्ट पेमेन्ट द्वारा) कराते हुए शेष धनराशि का अपलेखन कर इनकी पी0डी0 ऑनलाइन फाइनल की जा सकती है।
इस योजना के अन्तर्गत विवादित एवं विभिन्न न्यायालयों में लम्बित मामले भी समाधान हेतु अर्ह होंगे। उपभोक्ताओं से नोटरी द्वारा सत्यापित एफिडेविट इस आशय का प्राप्त किया जायेगा कि योजना के अन्तर्गत समाधान हो जाने पर वे न्यायालयों से अपने वाद वापस ले लेंगे। वितरण निगम द्वारा बिल मैनुअली संशोधित करके उसे ऑनलाइन फीड किया जायेगा एवं उसका भुगतान ऑनलाइन ही प्राप्त किये जाने के उपरान्त ही निर्गत संशोधित बीजक में अंकित ब्याज की राशि मॉफ मानी जायेगी, अन्यथा सम्पूर्ण बीजक की राशि ही बकाया रहेगी।
उपरोक्त सभी प्रक्रिया ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से सम्पन्न की जायेगी, जिससे भविष्य में त्रुटिपूर्ण बिल निर्गत नहीं होंगे। उपरोक्त योजना में माफ की गयी विलम्बित भुगतान अधिभार की धनराशि का वहन सम्बन्धित वितरण निगम द्वारा अपनी आरओई (Return on Equity) की धनराशि से किया जायेगा। अधिशासी अभियन्ता द्वारा प्राप्त आवेदनों के बिल रिवीजन की प्रगति का अनुश्रवण ऑनलाइन प्रणाली पर उपलब्ध सूचना के माध्यम से सम्बन्धित अधीक्षण अभियन्ता (वितरण)/मुख्य अभियन्ता (वितरण)/डिस्काम मुख्यालय द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। उपभोक्ताओं के पंजीकरण एवं बिल संशोधन के लिए नियमित रूप से कैम्पों का आयोजन किया जायेगा।