दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश किसान सभा ने दिया अपना समर्थन

आजमगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश किसान सभा ने अपना समर्थन देते हुए गुरूवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। सभा के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से चार सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजकर तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग किया।
सभा के जिलाध्यक्ष कमला राय ने कहाकि देश के किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पिछले ढाई महीनों से दिल्ली में आंदोलन कर रहे है। लेकिन केन्द्र सरकार अपने हठधर्मिता के आगे उनकी नहीं सुन रही है। उन्होने कहाकि यह सरकार किसानों के हित के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह काला कानून बनाई है। सरकार के इस तीनों कृषि कानून पर किसान सभा को आपत्ति है। सरकार इसे वापस लेकर किसानों के धरने को खत्म करायें।
उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष खरपत्तू राजभर ने कहाकि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है पर सच्चाई यह है कि इससे पूंजीपतियों को सीधा लाभ पहुंचेगा। प्रदेश में किसानों के गन्ने का लाखों रूपये बकाया है जिसका अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।
उपाध्यक्ष रामचन्द्र यादव ने कहाकि जब तक केन्द्र सरकार तीनों कृषि कानूनों का वापस नहीं ले लेती तब तक किसानों का आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होने कृषि कानून को किसान विरोधी बताते हुए मांग किया कि एमएसपी की कानूनी गारंटी दी। जेल में बंद आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाय। साथ ही किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाय।
इस अवसर पर रामनेत यादव, शहनवाज, जनार्दन सिंह यादव, अशोक राय, सुरेन्द्र यादव, गुलाबा मौर्य, राजित राम आदि मौजूद रहे।