कोरोना कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन में फैक्ट्रियाें के लिए योगी सरकार का नया आदेश, जानिए क्या है खास बातें

 

यूपी में कोविड के बढ़ते संक्रमण के बीच आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति तथा उत्पादन और रोजगार की निरंतरता के लिए राज्य में औद्योगिक इकाइयां निरंतर चलती रहेंगी। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू की अवधि में भी सरकार के अगले आदेश तक किसी भी फैक्ट्री/उत्पादन इकाई में उत्पादन बंद नहीं होगा। ना ही कोई इकाई बंद होगी। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।

नए आदेश में कहा गया है कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे के कि दवाएं, सेनेटाइजर, चिकित्सीय उपकरणों के साथ ही खाद्य पदार्थ, ब्रेड, बिस्किट, आटा, चावल, दाल, खाद्य तेल, चीनी, पीने का पानी, दुग्ध उत्पाद तथा अन्य जरूरी उत्पादों के उत्पादन पर कोई असर ना पड़े। जो भी कार्मिक इन एमएसमई इकाइयों में कार्यरत हैं उन्हें प्रोत्साहित करने का काम इकाई प्रबंधन के साथ ही उपायुक्त जिला उद्योग एवं श्रम तथा अन्य विभागों के अधिकारी करेंगे।
दूर से आने वाले कार्मिकों के रहने का प्रबंध उद्योग परिसर में करने का सुझाव
इकाइयों में कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। वह इकाई जहां पर बड़ी संख्या में कार्मिक कार्यरत हैं वहां दूर से आने वाले कार्मिकों को सुरक्षित रहने का प्रबंध संबंधित इकाई परिसर में ही किए जाने का सुझाव दिया गया है। जिलाधिकारी जिले के सीएमओ के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी कार्मिकों का एंटीजन टेस्ट तथा लक्षण वाले कार्मिकों की आरटीपीसीआर जांच हो जाए।
मेडिकल तथा कोविड से जुड़े उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने के निर्देश
जिन जिलों में मेडिकल किट, दवाईयां तथा कोविड से बचाव व इलाज से संबंधित इकाइयां हैं उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कहा गया है। उत्पादन, आपूर्ति तथा ट्रांसपोटेशन में इकाई प्रबंधन को कोई दिक्कत ना हो यह व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। जिन जिलों में सैनिटाइजर बनाने के लिए एल्कोहल के लिए चीनी मिल अधिकृत हैं वहां पर इकाइयों के लाइसेंस, उत्पादन तथा आपूर्ति की निरंतरता की बाधाएं दूर करने को कहा गया है। एमएसएमई इकाइयों को मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सैनिटाइजर, पैकेजिंग तथा कोविड से जुड़े अन्य उत्पादों को बढ़ाने में पूरा सहयोग दिया जाएगा। ऐसी इकाइयों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की कोशिश करने के निर्देश दिए गए हैं। संभावना जताई गई है कि आने वाले दिनों में प्रवासी मजदूर बड़ी तादाद में अपने घरों को वापस आ सकते हैं। ऐसे श्रमिकों की सूची तैयार कराने को कहा गया है। इन प्रवासी श्रमिकों के हुनर का उपयोग विभिन्न क्रियाकलापों तथा उत्पादन में करने को कहा गया है ताकि इन श्रमिकों के समक्ष रोजगार का संकट ना उत्पन्न हो। जिला सेवायोजन अधिकारी इनका स्किल मैपिंग कराएंगे। जिलाधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि खाद्य पदार्थ, ब्रेड, बिस्किट, आटा, चावल, दाल, खाद्य तेल, चीनी, पीने का पानी, दुग्ध उत्पाद के उत्पादों पर कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े।
किसानों के लिए गेहूं क्रय केंद्र सक्रिय रहें
गेहूं क्रय केंद्रों की सक्रियता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद तेजी से करने को कहा गया है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन और आपूर्ति को बनाए रखने के लिए जो भी उपाय हों उसकी समीक्षा कर इसे तेज करने को कहा गया है। जिला स्तर पर नियमित समीक्षा करने को कहा गया है। कोयला व खनिज पदार्थों का उत्पादन, खाद, कीटनाशक, बीज उत्पादन, कृषि संयंत्रों से संबंधित उत्पाद, डिटरजेंट एवं साबुन, साल्वेंट एक्सट्रैंक्शन, खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयां आदि उद्योगों की क्षमता वृद्धि के आदेश भी दिए हैं।