इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए बेहद लाभकारी है गिलोय : रवि प्रकाश 

समूचे विश्व जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है ऐसे में योग मंच के रवि प्रकाश यादव ने पूरे जनपद में निशुल्क गिलोय का वितरण कर रहे हैं l
जैसा कि पिछले 4 अगस्त को रवि प्रकाश ने आजमगढ़ डीआईजी के नेतृत्व में एक लाख गिलोय वितरण अभियान का शुभारंभ भी किया था और इस अभियान को सफल बनाने एवं
लोगों का इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए हर रोज वे गिलोय का वितरण कर रहे हैं l
रवि प्रकाश यादव ने गिलोय वितरण के दौरान बताया कि गिलोय का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है l
गिलोय कई तरह के रोगों के उपचार में काम आता है कोरोनावायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है कोरोनावायरस की लहर काफी तेजी से फैल रही है
 कोरोना से बचने के लिए हालांकि वैक्सीन और कई दवाइयां भी मार्केट में आ गई हैं लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां व्यक्ति लगवाने के बावजूद भी कोरोना संक्रमण हुआ है l
 ऐसे में गिलोय रोगों से छुटकारा दिलवाकर शरीर को रोग मुक्त करती है गिलोय शरीर को किसी भी प्रकार के रोगों से लड़ने की ताकत देती है l
इसे रोजाना लेने से आपके हेल्थ के ऊपर काफी अच्छा असर पड़ता है, यहां तक की गिलोय को फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अप्रूव भी किया गया  है l
गिलोय शरीर में मौजूद गंदगी को बाहर निकालती है जिससे आपका खून साफ रहता है इसी के साथ इसका जूस या गोली किसी भी तरह से लिया जा सकता है यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है
गिलोय एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करती है जो की झुर्रियों से लड़ने में मदद करती है गिलोय की पत्तियां शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालती हैं साथ ही खून को साफ करते हैं बीमारियों से लड़ने वाले बैक्टीरिया की रक्षा करते हैं और यूरिन की समस्या से भी निजात दिलाती हैं गिलोय का इस्तेमाल बुखार में और सर्दी दूर करने के लिए भी किया जाता है अगर बहुत दिनों से बुखार है और तापमान कम नहीं हो रहा है तो गिलोय का काढ़ा पीना बहुत ही फायदेमंद होता है गिलोय के इस्तेमाल से सांस से  संबंधित रोग जैसे अस्थमा खांसी मैं भी बहुत लाभ मिलता है
गिलोय को कैसे पहचाने –
गिलोय का पौधा दरअसल एक जालीदार लता की तरह होता है या खेतों की मेढ़ घने जंगल घर के बगीचे मैदान में लगे पेड़ों के सहारे कहीं भी गिलोय की बेल प्राकृतिक रूप से अपना घर बना लेती है इसकी बेल की मोटाई एक अंगुली के बराबर होती है इसके पत्ते चिकने और पान की शक्ल के होते हैं अक्सर गांव में लोग गिलोय को गिलोय नाम से कम गुरुच नाम से ज्यादा जानते हैं संस्कृत में इसका नाम अमृता है जिसका अर्थ अमरता का अमृत है l
गिलोय का सेवन कैसे करे
5 से 6 इंच का गिलोय की बेल लें और इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दें और फिर से कूटकर 500 मिलीलीटर पानी में चाय की तरह पकाएं पकाते वक्त जब पानी हलका हरा हो जाए तो इसे छानकर काढ़ा के रूप में पी जाएं l
5 से 6 इंच के गिलोय के टुकड़े में परिवार के चार से पांच सदस्य बहुत आराम से काढ़े का सेवन कर सकते हैं l
गिलोय वितरण अभियान में योग मंच के रोहित यादव दुर्गेश यादव धीरज गुप्ता सुनील गुप्ता बृजेश शशांक आदि सभी जी जान से लगे हुए हैं
और हर दिन सुबह से लेकर शाम तक लोगों को निशुल्क गिलोय उपलब्ध करा रहे हैं