आजमगढ़ में मुकद्दस रमजान का आखिरी जुमा यानि कि अलविदा जुमा आज हुआ। इस दौरान कोरोना संक्रमण के चलते शहर की मस्जिदों में पांच से अधिक नमाजियों के नमाज अदा करने पर पाबंदी है। जिसके चलते घरों पर ही नमाजे अदा की गई उलेमाओं ने भी घरों पर नमाज अदा करने की अपील की हैै।
वैसे तो इस्लाम में रमजानुल मुबारक का हर दिन बड़ी ही रहमतों और बरकतों का होता है। इस पाक महीने में सवाब का दर्जा सत्तर गुना अधिक हो जाता हैै। जिसके चलते अधिक से अधिक लोग इबादतों और भलाई के कामों में मशगूल हो जाते हैं। इस महीने में ही मोमिन सुबह से शाम तक भूखे प्यासे रहकर तीस दिन तक रोजे रखकर अल्लाह की इबादत करते है। रमजान के महीने में जुमा (शुक्रवार) का बड़ा ही महत्व होता है। खास तौर पर रमजान के आखिरी जुमा को अलविदा का जुमा कहा जाता है। इस खास दिन में हर बच्चे से लेकर नौजवान और बुजुर्ग रोजा रखते हैं। घरों में भी खूब इफ्तारी बनाई जाती है जो मुहल्ले के हर छोटे और बडे़ घरों के साथ ही जरूरतमंदों को तक्सीम की जाती है। लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना संक्रमण चरम पर है। जिसके चलते घरों पर ही नमाजे अदा किया गया वहीं घरों पर ही तिलावत की जाएगी। इस संबंध में हाफ़िज़ कलीम ने बताया कि जो सरकार की गाइलाइंस उसको फॉलो किया गया और पूरी दुनिया के लिए दुआ मांगी गई इस कॉरोना से सभी लोग परेशान है इस परेशानी से निजात मिले ये दुआ की गई हाफिज कलीम, सोहराब अहमद, नजरें हसन, फतेह मोहम्मद, अब्दुल बाकी, आदि लोगो ने अकीदत अकीदत के साथ 5 की संख्या में नमाज अदा की।
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