आई रेड एप से दुर्घटना का कारण जानकर उस पर प्रभावी निर्णय लेकर लायी जा सकेगी हादसों में कमी

आजमगढ़ 10 जून– सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 15 फरवरी 2021 से आई रेड परियोजना (Integrated Road Accident Project) उत्तर प्रदेश के 16 लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट (सभी मंडलों में) तथा शेष 59 जनपदों में 15 मार्च 2021 से लाइव की जा चुकी है | इस परियोजना के अंतर्गत सभी थानाक्षेत्र में हुई सभी दुर्घटनाओं को इस आई रेड एप से घटनास्थल पर जाकर उपनिरीक्षक द्वारा लाइव फीड किया जा रहा है | आई.आई.टी मद्रास द्वारा विकसित इस एप से सड़क दुर्घटनाओं की एंट्री से तैयार डाटाबेस का विश्लेषण कर दुर्घटना का कारण जानकर उस पर प्रभावी निर्णय लेकर हादसों में कमी लायी जा सकेगी| इस परियोजना में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य तीन विभाग परिवहन, स्वास्थ्य तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विभाग को भी सम्मिलित किया गया है| जनपद आजमगढ़ में इस परियोजना को सुचारू रूप से चलाने एवं शत प्रतिशत हर एक दुर्घटना को इस एप में फीड करने हेतु थानाध्यक्ष/उप निरीक्षक एवं कंप्यूटर ऑपरेटर को एन.आई.सी. के जनपद रोलआउट प्रबंधक मो. एजाज़ अख्तर द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है l अब तक थानों के थानाध्यक्ष/उपनिरीक्षक तथा कंप्यूटर ऑपरेटर को मिलाकर लगभग 250 प्रतिभागी को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा आगे भी प्रशिक्षित किया जा रहा है|

जनपद आजमगढ़ में 15 फरवरी 2021 से अब तक कुल 163 दुर्घटना ऐप में दर्ज हुआ हैl दुर्घटनाओं में कुल 110 की मृत्यु एवं 165 घायलों की संख्या हैl
एडिशनल एस.पी (ट्रैफिक)/ नोडल ऑफिसर (आई रेड),आजमगढ़, सुधीर कुमार जायसवाल ने बताया कि वर्तमान समय में जनपद आजमगढ़ के समस्त थानों में सभी दुर्घटनाओ को शत प्रतिशत आई.रेड एप में फीड किया जा रहा है| सभी थानाध्यक्ष को निर्देशित किया गया है कि अपने थाना क्षेत्र में हुई दुर्घटना को तत्काल आई.रेड एप में फीड करा दें |
डीआईओ एनआईसी रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि आई.रेड एप पर सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि सुचारू रूप से की जा रही है तथा जो भी तकनीकी समस्या आ रही है उसका समाधान कराया जा रहा है|
मो. एजाज़ अख्तर, रोलआउट प्रबंधक, एन.आई.सी, आजमगढ़, ने बताया कि हर एक एक्सीडेंट की डिटेल्स को आई.रेड एप में फीड कराना भारत सरकार का एक महत्तवपूर्ण कदम है, ताकि उस दुर्घटना का एनालिसिस कर दुर्घटना का कारण जानकर उस पर प्रभावी निर्णय लेकर लोंगो की ज़िंदगी बचाई जा सके|