लखनऊ : भारी बारिश की वजह से 10 लोगों की मौत, धान, तिल, उड़द सहित कई फसलें बर्बाद

लखनऊ। पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से जहां एक ओर खरीफ की फसलें खराब हो जाने से किसानों का अर्थशास्त्र बिगड़ा, वहीं दूसरी तरफ आकाशीय बिजली और दीवार गिरने की घटनाओं में 10 लोगों की जान चली गई. इनमें आकाशीय बिजली गिरने से हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर में दो-दो व चित्रकूट, उरई और सिद्धार्थनगर में एक-एक की मौत हो गई. फतेहपुर में दीवार गिरने से एक बच्चे की जान चली गई. भारी बारिश और नदियों के उफान से श्रावस्ती में 90 गांव पानी से घिर गए हैं. कई जगहों पर कच्चे घर गिर गए हैं.
मौसम विभाग के अनुसार इस समय हो रही बारिश से सबसे ज्यादा धान की फसल खराब हो रही है. जहां धान पक चुके हैं वहां बारिश की वजह से इसके दाने काले पड़ चुके हैं. धान के अलावा तिल, उड़द, मूंग की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस बारिश से सिर्फ ज्वार, बाजरा और मक्के की फसल बची रही हैं. श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच गई है. करीब 90 गांव पूरी तरह से पानी से घिर गए हैं. बलरामपुर में राप्ती नदी शुक्रवार को खतरे के निशान से 70 सेमी. ऊपर बह रही थी. 150 गांव पानी से घिर गए हैं। चार दर्जन से अधिक गांवों में पानी घुस गया है. एक दर्जन फूस के मकान ढह गए हैं. बहराइच के तराई इलाके में 48 घंटे लगातार हुई बारिश व नेपाल से आए पानी से सरयू उफान पर है. नानपारा तहसील के 30 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं.
गोरखपुर में पिछले 48 घंटे में कुल 190 मिमी बारिश दर्ज की गई है. देर से हुई सीजन की सबसे भारी बारिश की वजह से धान की अगैती फसल को काफी नुकसान हुआ है. फसल गिरने से बालियां पानी में डूब गई हैं. मूंगफली और सब्जियों की खेती भी काफी हद तक बर्बाद हो गई है.निर्माणाधीन वाराणसी हाईवे पर दूसरे दिन शुक्रवार को भी आवागमन बंद रहा. कौड़ीराम-गोरखपुर के बीच में कसिहार के पास निर्माणाधीन सड़क धंसने से आवागमन बंद हैं. दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी है. गोरखपुर में रोहिन नदी लाल निशान 82.44 आरएल मीटर के स्तर को पार कर 83.14 आरएल मीटर पर बह रही है जबकि राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदियां लाल निशान को छूने को बेताब हैं. उधर, गंडक बैराज से नारायणी नदी में चार लाख 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पानी फैलने लगा है, इससे कुशीनगर के रेता क्षेत्र के गांवों में पानी घुसने लगा है. कानपुर देहात, इटावा, कन्नौज, फतेहपुर, में एक-एक घर गिरा है.