लखनऊ। रिटायर आईपीएस और चर्चित गजलकार दिनेश चंद्र पांडेय की चीखें दम घोंटू धुएं में दब गईं. इंदिरा नगर सेक्टर 18 के 28 नंबर मकान में दिनेश चंद्र पांडेय पहली मंजिल पर परिवार के साथ सो रहे थे. बगल वाले कमरे में आग लगी और पूरा कमरा जलने लगा. कमरा बंद होने के नाते लपटे बाहर नहीं दिखीं. आग से उठा धुआं बाहर निकलने के बजाय उस कमरे में भर गया जिसमें परिवार सोया हुआ था. सो रहे परिवार की स्थिति यह हो गई कि कोई आवाज भी नहीं लगा पाया. आवाज लगाई भी होगी तो किसी को खबर नहीं लगी. धनतेरस का दिन होने के नाते सभी अपने काम में व्यस्त थे. पहली मंजिल पर आग लगी तो धुआं ऊपर की ओर जाने लगा. नीचे के लोगों को आग की भनक तक नहीं लग पाई. जानकारी तब हुई जब हवा का दबाव कम हुआ और धुआं कुछ नीचे आया.
दिनेश चंद्र पांडेय के किराएदार अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि रात करीब 10.30 बजे बच्चों ने कहा कि ऊपर कुछ हुआ है. कहीं से धुएं की गंध आ रही है. जब पत्नी के साथ बाहर निकले तो पहली मंजिल से धुआं उठता देखा. यह देख पुलिस को सूचना दी. अनिल ने बताया कि धुआं इतना ज्यादा था कि पहली मंजिल पहुंचना मुश्किल था. रिटायर आईपीएस दिनेश चंद्र पांडेय मूलरूप से कानपुर के आर्यनगर के रहने वाले थे. रिटायर होने के बाद इंदिरा नगर सेक्टर 18 में ही घर बनवा लिया था. यहीं परिवार के साथ रहने लगे थे. दिनेश चंद्र पांडेय के एक बेटे प्रशांत बाहर रहते हैं. दिनेश पांडेय की एक बहन डॉ. सुधारानी कानपुर के एएनडी कॉलेज में शिक्षिका थीं. वह लोकसेवा आयोग की मेंबर भी रह चुकी हैं.
ऐसी कोई आग भी नहीं जो दूर से दिखाई पड़ जाए. अग्निशमन की गाड़ियां सायरन बजाते दमकल की गाड़ियां आईं तो पड़ोसियों खबर लगी. बाहर देखा तो मंजर ही बदला हुआ था. एक पड़ोसी ने बताया कि वह घर से बाहर निकले तो दमकल वाहन और एम्बुलेंस नजर आईं. किसी अनहोनी की आशंका से कलेजा कांप उठा. उम्मीद नहीं थी कि एक जिंदादिल इनसान अचानक ऐसे चुपचाप छोड़कर चला जाएगा. रात एक बजे के करीब जब सब कुछ शांत हो चुका था तो कुछ पड़ोसी डीसी पाण्डेय के घर में किराएदार को सांत्वना देने पहुंचे.