आजमगढ़ : अब वरदान साबित हो रहा है टेलीकंसल्टेशन,  जनपद में तैनात 237 सीएचओ दे रहे टेलीमेडिसिन की सुविधा

आजमगढ़, 21 दिसम्बर 2022
तरवां ब्लाक अंतर्गत भिलिहिली गांववासी 65 वर्षीय सोखा ने बताया कि मुझे जोड़ों में दर्द रहता था। मैंने अस्पताल में डॉ. चौहान को दिखाकर एक हप्ते पहले दवा ली थी। इसके बाद मुझे काफी आराम मिला। इसी भिलिहिली गांव की 14 वर्षीय सुहानी ने बताया कि मुझे 10-12 दिन से पेट में दर्द था। मैंने अस्पताल में डॉक्टर को दिखाकर दवा ली। मुझे काफी आराम है। मुझे तीन दिन बाद फिर बुलाया गया है।
सोखा और सुहानी तो सिर्फ उदाहरण हैं। ऐसे कई मरीज हैं जो सरकारी स्वास्थ्य योजना टेलीमेडिसिन सुविधा का लाभ ले रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि टेलीमेडिसिन के जरिए आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के लिए वरदान है। अब सीएचसी पर आने वाले मरीज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पीजीआई व एम्स के डॉक्टरों से इलाज करा सकेंगे। डॉक्टर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मरीज का हाल लेंगे। जांच रिपोर्ट ऑनलाइन उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी और फिर डॉक्टर जांच रिपोर्ट के अनुरूप मरीज को आवश्यक सलाह देते हुए इलाज शुरू करायेगा।उन्होंने बताया कि जनपद में तैनात 237 सीएचओ टेलीमेडिसिन की यह सुविधा दे रहे हैं। इस कार्य में जनपद के स्पेशलिस्ट व एमबीबीएस 100 भी शामिल हैं। अभी 600-700 के बीच में कंसल्टेशन किए जा रहे हैं। प्रति सीएचओ 10 मरीजों को दिखाने का टारगेट है।यानि लगभग 2000 कंसल्टेशन रोज होने की उम्मीद है। यह सुविधा जनपद के रूरल एरिया शहरी पीएससी तथा सीएचसी एडिशनल पीएचसी एवं उप केंद्र पर उपलब्ध है। भविष्य में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ के अतिरिक्त एक एएनएम, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वाय और पांच आशा काम करेंगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ उमा शरण पाण्डेय ने बताया कि टेलीकंसल्टेशन के जरिए गांव से आए मरीजों को नजदीकी उपकेंद्र पर ही ई-ट्रीटमेंट देते हैं। इस प्रक्रिया में मौजूद सीएचओ मरीज उन्हें प्रदान देते हैं। इसका मकसद “हेल्दी फ्यूचर टू ऑल व्हाट द वर्ल्ड वी वांट” मतलब सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः के तर्ज पर हर गांव में 1200 की जनसंख्या पर तैनात आशा मरीजों को सीएचओ के पास ले जाती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज जिन्हें कुछ जांच की जरूरत होती है उन्हें उपकेंद्र पर उपस्थित किट्स के माध्यम से जांच की जाती है जैसे शुगर, ब्लड प्रेशर, हेपेटाइटिस बी, एचआईवी, टीबी और डेंगू की जांच की जाती है। जिन मरीजों को यहां से फायदा नहीं मिलता उसे दूसरी मीटिंग में रेफरल की सुविधा वाले अस्पतालों में सीएचओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जाँच करता है। किसी क्रॉनिक बीमारी वाले मरीज को जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन का रेगुलर केवल इलाज ही नहीं किया जाता है बल्कि उसके इलाज का मेन्टेन की जाती है और दवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि आशा हर संक्रामक एवं गैर संक्रामक बीमारियों की स्क्रीनिंग करेंगी, उसका इलाज करवायेंगी। लाइलाज बीमारी को सुपर स्पेशलिस्ट के पास रेफर करके मरीजों को दवा दिलायेंगी।

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