ट्रंप की मध्‍यस्‍थता पेशकश पर भारत दो टूक, चीन से विवाद सुलझाने पर कर रहे काम

नई दिल्‍ली। चीन के साथ सीमा पर बढ़ रहे तनाव के मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पर भारत ने कहा है कि सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए वह पड़ोसी देश के साथ कोशिशों में लगा हुआ है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव (Anurag Srivastava) ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम शांति से इस मसले को सुलझाने के लिए चीनी पक्ष के साथ काम कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के इस जवाब से साफ हो गया है कि सीमा विवाद के मसले पर भारत अपने पुराने रुख पर ही कायम है।

उल्लेखनीय हकि ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मसले पर बुधवार को अचानक मध्यस्थता करने की पेशकश करके सियासी सरगर्मी बढ़ा दी थी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा था कि वह दोनों पड़ोसी देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध को कम करने के लिए मध्‍यस्‍थता करने के लिए तैयार हैं। अब इस पर भारत ने बयान जारी करके तमाम अटकलों को खत्‍म कर दिया है। सनद रहे कि ट्रंप ने इससे पहले कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि भारत ने तब भी इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

नेपाल के साथ विवाद सुलझाने का संकेत दिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने नेपाल के साथ सीमा विवाद बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए तैयार होने का संकेत दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि नेपाल में चल रहे घटनाक्रम पर भारत की नजर है। हमें पता चला है कि इस गंभीर मुद्दे पर नेपाल में सतर्कता के साथ विचार विमर्श चल रहा है। उल्लेखनीय है नेपाल ने सीमा विवाद के दौरान अपने नक्शे में परिवर्तन कर कुछ जगहों लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र को अपने क्षेत्र के तौर पर दर्शाया है।

भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव को खत्‍म करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पर संयुक्त राष्ट्र ने भी साफ कर दिया है कि यह मामले से जुड़े पक्षों का काम है कि वह किसे मध्यस्थ बनाना चाहते हैं। यानी सीमा विवाद भारत और चीन के बीच का मसला है और दोनों ही तय करेंगे कि करना क्‍या है। वैसे भारत का पुराना रुख रहा है कि सीमा विवाद के मसले पर किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। हालांकि संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भारत और चीन दोनों से ही संयम बरतने की अपील की है।

मालूम हो कि कोरोना संकट के बीच चीनी सेना के जवान गलवन घाटी के दक्षिण पूर्वी हिस्से में भारतीय इलाके में तीन किलोमीटर आगे तक आ चुके हैं। यही नहीं चीनी सेना गलवन घाटी में पेट्रोल प्वायंट 14-15 और गोगरा चौकी के नजदीक भी तंबू लगा चुकी है। चीनी सेना गलवन घाटी में लगातार सैन्य गतिविधियां बढ़ा रही है। वहीं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना की घुसपैठ को रोकने के लिए भारत की थल सेना ने गलवन घाटी और पैगांग त्सो इलाके में यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल) तैनात कर दिए हैं जबकि वायुसेना ने भी पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हुए चिनूक हेलीकॉप्टर को अग्रिम इलाकों में उतारा है।