रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन पर सख्ती के संकेत देते हुए मंगलवार को कहा कि हर पहलू का सरकार अध्ययन कर निर्णय करेगी। संक्रमण के इस दौर में जीवन और जीविका के बीच चाणक्य नीति के अनुसार जीवन को चुनना होगा। जीवन रहा तो जीविका के लिए हम आगे बढ़ सकेंगे। राज्य में कोरोना संक्रमण और इससे हो रही मृत्यु पर सरकार की नजर है। सभी पहलुओं का मूल्यांकन हो रहा है।
सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ लॉकडाउन पर निर्णय करेगी। यह भी कहा कि सिर्फ झारखंड की अर्थव्यवस्था से पूरे देश की अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी। इसके साथ ही केंद्र पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि झारखंड से कई दफा मांगें रखी गईं लेकिन एक वेंटिलेटर तक नहीं मिला। राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों के बूते कोरोना के खिलाफ जंग लड़ते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है
भाजपा की वर्चुअल रैली पर उठाए सवाल
हेमंत सोरेन ने भाजपा की वर्चुअल रैलियों पर सवाल खड़े किए। कहा कि देश और राज्य में कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत हो रही है, लेकिन भाजपा राजनीति के रंग में रंगी है। दूसरे देशों में कोरोना संक्रमण बढऩे पर वहां के प्रमुख फूट-फूट कर रोए लेकिन हिन्दुस्तान में भाजपा की वर्चुअल रैली हो रही है। भाजपा ने वर्चुअल रैलियों के लिए 70 हजार एलईडी लगवाई और 150 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। उन्होंने बिहार में हुई वर्चुअल रैलियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिस हिसाब से भाजपा वर्चुअल रैली पर पैसे खर्च कर रही है, उससे देशभर के मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाया जा सकता था। लोग इन चीजों को बखूबी समझ रहे हैं। सबसे बड़ा जनता का दरबार है। जनता आकलन कर हिसाब लेगी।
मनरेगा मजदूरी बढ़ाने की उठाई मांग
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव से मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने की मांग रखी गई है। देश की सीमाओं पर अब तक असंगठित तरीके से मजदूर जाते रहे और उनका शोषण होता रहा। राज्य सरकार ने अपना फर्ज निभाते हुए केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बीआरओ में बड़े पैमाने पर मजदूरों को जाने की सहमति दी है। नए निर्णय से मजदूरों के जानमाल की रक्षा हो सकेगी।