बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत बालिकाओं के बेहतर कल के लिए चलाया जा रहा अभियान, विकास खण्ड स्तर पर तिथिवार आयोजन

आजमगढ़ 29 सितम्बर– महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत बालिकाओं के बेहतर कल तथा उनको सशक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान में ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स के साथ विभिन्न स्टेकहोल्डर्स, सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के साथ कन्वर्जेन्स बैठक का आयोजन विकास खण्ड स्तर पर तिथिवार किया जा रहा है।
इसी क्रम में फूलपुर ब्लॉक पर महिला शक्तिकेन्द्र योजना अन्तर्गत प्रशिक्षण की कार्यवाही की गई। उपस्थिति आंगनवाड़ी कायकत्रियों को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने बताया कि कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के साथ ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वन स्टाप समर्थन सेवाएं प्रदान करने हेतु महिला शक्ति केन्द्र की स्थापना की गई। इस योजना को अम्ब्रैला स्कीम की तरह क्रियान्वित किया जाएगा, इसके तहत ग्रामीण महिलाओं के लिए अपने अधिकार प्राप्त करने और जागरूकता सृजन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हे सशक्त बनाने के लिए एक इंटरफेस प्रदान करेगी। उन्होने कहा कि आंगनवाड़ी ब्लाॅक स्तरीय हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण निमित्त सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के बारे में जागरूकता सृजन का काम करेंगे। वे ग्रामीण महिलाओं को अपने पात्र हक प्राप्त करने के लिए सरकार से संपर्क कर सकने हेतु इंटरफेस प्रदान करेंगे।
योजना के लिए परिकल्पना की गई है कि यह विभिन्न स्तरों पर काम करें। जहां भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को अपना अस्तित्व बनाने के लिए आधार भी प्रदान करेंगे। विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों जिनका निर्दिष्ट ब्लाक/ग्राम में महिलाओं को जागरूकता पैदा करने में सहायक भूमिका निभाएंगे।
महिला हेल्प लाइन की जानकारी बाल विवाह एवं नारी सशक्तिकरण के मुद्दो पर विस्तृत चर्चा की। उन्होने कहा कि कम उम्र में लड़कियों की शादी उनके सेहत के साथ होने वाले बच्चे की सेहत पर भी प्रतिकूल असर डालता है। 18 साल से कम उम्र में शादी होने से गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान कई स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का खतरा होता है। इससे मां के साथ नवजात के जान जाने का भी खतरा होता है। बाल विवाह के कारण लड़कियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं, जबकि उनके शरीर का पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर बढने की भी प्रबल सम्भावना रहती है। इसलिए जनपद में बाल विवाह को रोकने में अपना सहयोग करें और वे स्वयं तथा पास-पड़ोस, गली-मोहल्लों एवं गाॅवों में यदि कोई बाल विवाह करता है तो उसकी सूचना अवश्य दें। बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम भी गोपनीय रखा जायेगा। अंत में प्रशिक्षण में आये हुए सभी अधिकारी व कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।
इसी के साथ ही लालगंज ब्लाक में जिला समन्वयक गीता पटेल द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक कराई गई, जिसमें सुपरवाइजर भी उपस्थित थी। इस बैठक में महिला उत्पीड़न महिलाओं की क्षमता संवर्धन के बारे में जानकारी देते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, कन्या सुमंगला योजना, महिला हेल्पलाइन (1090, 1098, 112, 108, 102), विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, वृद्धा पेंशन, कन्या भू्रण हत्या, स्पॉन्सर वन स्टॉप सेंटर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।