आजमगढ़। समाजवादी पार्टी आजमगढ़ सामाजिक, राजनैतिक क्षेत्र में ईमानदारी, कर्मठता के प्रतीक पूर्व सांसद बलिहारी बाबू का निधन समाजवादी पार्टी ही नहीं सामाजिक न्याय में विश्वास करने लाखों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति हुई है। स्वर्गीय सांसद बसपा के फाउंडर सदस्य थे व सामाजिक न्याय के अग्रणी नेता मान्यवर कांशीराम के अत्यंत करीबी थे। सामाजिक व राजनैतिक बिंदुओं पर वे पार्टी के अंदर रहकर लोकतांत्रिक आधार पर निर्णयों के पक्षधर थे। उनकी संगठनात्मक क्षमता अद्वितीय थी। मा0 कांशीराम की मृत्योपरांत वैचारिक असहमति के कारण बसपा छोड़ दिया था।
वे हमेशा दबे, कुचले, पिछड़ों, दलितों को हक दिलाने के लिए बराबर कार्य करते रहे। देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में उन्होंने गरीबों, पिछड़ों, दलितों के मसीहा के रूप में समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का दामन पकड़ा तथा उन्हें भविष्य का बड़ा नेता बताया। सपा में उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए तमाम विभिन्न वर्गों के लोगों को जोड़ा। वे बार-बार कहते थे कि आज डॉक्टर अम्बेडकर व डॉक्टर लोहिया के विचारों पर चलकर ही सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी जा सकती है। उनके निधन से केवल आजमगढ़ ही नहीं देश के कोने कोने में शोक की लहर फैल गई। उनके घर सुबह से ही लोगों का आना-जाना शुरू हो गया सभी लोगों ने कहा कि जनपद ने एक वैचारिक, सैद्धांतिक व ईमानदारी की राजनीति करने वाला एक बड़ा नेता खो दिया –