कुलपति की तैनाती कर वि.वि. को प्रदान करें गति : डा प्रवेश सिंह



आजमगढ। लम्बे जद्दोजहद के बाद शासन द्वारा आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय को स्वीकृति मिलते ही शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा प्रवेश सिंह ने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय के लिए क्षण भर का भी विलम्ब न करते हुए निर्माण कार्य पर जोर देते हुए एक तय मियाद की सीमा के भीतर विवि भवन का निर्माण कराया जाए ताकि योगी सरकार के समय प्रतिबद्धता का मानक अन्य सरकारों के लिए नजीर बन सके।
शिक्षक संघ के डा प्रवेश सिंह ने आगे कहाकि आजमगढ़ की बहुप्रतिक्षित मांग को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ पूर्ण ही नहीं बल्कि आजमगढ़ के मध्य में स्थित डीएवी कालेज में उसका क्रियान्वयन संचालन शुरू करा दिया। इसे अपेक्षित गति देने के लिए कुलपति की तैनाती कर इस स्वप्न को जमीन पर उतारने की सौगात मिल सकें। इसके अलावा ज्यादातर लोगों का दर्द भी छलका कि विश्वविद्यालय हेतु यदि मुहब्बतपुर की जमींन पर अंतिम मुहर लग गयी होती तो विवि प्रत्येक दृष्टिकोण से उचित रहता। फिर यह कहकर जनपदवासी संतोष भी व्यक्त कर रहे है चलो देर से ही सही प्रदेश के मुखिया ने आजमगढ़ जैसे पिछड़े जिले में ज्ञान की गंगा बहाने का जो भागीरथी प्रयास किया है वह मिल का पत्थर साबित होगी। डा प्रवेश सिंह ने आगे कहा कि अब आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय से ज्ञान का दीपक चौतरफा उजाला बिखेरेगा जो उपलब्धि है। आजमगढ़ जैसे पिछड़े जिले में विश्व विद्यालय जैसा ड्रीम प्रोजेक्ट स्थापित कर मुख्यमंत्री समस्त जनपदवासियों को ऋणी बना लिया ंहै। जनपद के लिए अन्य सरकारों ने भी कई बड़े सौगात दिये है लेकिन जो देश के कर्णधारों को शिक्षा का हथियार थमाने का जो काम योगी सरकार ने किया है वह अद्वितीय साबित होगा। 15 जून से ही आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय अस्तित्व में आ गया, जिसकी भींनी खुशबू से आजमगढ़ की फिजां गुलजार हो चुकी है। इसके लिए विश्वविद्यालय अभियान टीम के संयोजक डा सुजीत भूषण की अगुवाई की तारिफ करते हुए जनपदवासियों के सार्थक प्रयास की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। शासन, कुलपति के नाम की घोषणा कर उनके मातहतों की शीध्र से शीध्र तैनात कर व्यवस्था को बेहतर गति प्रदान करें। बधाई देने वालों में जनपद शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा बाबर, महामंत्री डा इन्द्रजीत, पूर्वांचल विवि शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डा राजीव त्रिपाठी, महामत्री डा अजीत सिंह, डा जिम्मी, डा अलाउद्दीन, डा फखरे आलम, डा रविन्द्र, डा ईश्वर चन्द्र, डा वीरेन्द्र, डा मधु, डा फूलचन्द्र सिंह, डा जितेन्द्र, डा कौशल, डा रामानंद आदि शामिल रहे।