विधानसभा चुनावों से पहले ओवैसी उत्तर प्रदेश में सियासी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिशों में जुटे

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, सूबे का सियासी पारा भी तेजी से बढ़ रहा है. सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) के साथ-साथ प्रमुख विपक्षी दलों ने अलग-अलग यात्राओं व सम्मेलनों के जरिए चुनावी बिगुल भी फूंक दिया है. इसी क्रम में एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) एक बार फिर उत्तर प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं. अन्य दलों की तरह विधानसभा चुनावों से पहले ओवैसी उत्तर प्रदेश में सियासी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. अन्य पार्टियों की तरह ही ओवैसी के एजेंडे पर अयोध्या ही है. वे भी अपने तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत अयोध्या दौरे से ही करेंगे.

इस बार असदुद्दीन ओवैसी यूपी के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे, जिसमें वो तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. असदुद्दीन ओवैसी के इस दौरे की शुरुआत 7 सितंबर से होगी. 7 सितंबर को वह अयोध्या के रुदौली कस्बे में जाएंगे, जहां वंचित-शोषित सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके बाद 8 सितंबर को ओवैसी सुल्तानपुर के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. अपने दौरे के आखिरी दिन यानी 9 नवंबर को ओवैसी बाराबंकी जाएंगे.

राजभर के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव
दरअसल,उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अब बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में ओवैसी उत्तर प्रदेश के सियासी समर में कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते. असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में संकल्प भागीदारी मोर्चा के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उनके साथ ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा चुनाव लड़ रही है. हालांकि अब तक कई बिंदुओं पर दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं में कई विरोधाभास भी सामने आए हैं. कभी ओपी राजभर जाकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात कर लेते हैं और यह बात कह देते हैं कि राजनीति में कुछ भी सम्भव है. इसके बाद ओवैसी की पार्टी को सफाई देनी पड़ती है. कभी ओवैसी की पार्टी की तरफ से इस बात का ऐलान कर दिया जाता है कि वह यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. तो ऐसे में सुभासपा भी यह कहती है कि अभी सीटों पर कोई भी फाइनल मोहर नहीं लगी है. हालांकि ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर इस बात को बार-बार कहते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर किसी भी पार्टी के साथ वह जाने को तैयार हैं.

चुनाव नतीजों से तय होगा यूपी में ओवैसी का भविष्य

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में इस बात का भी एहसास साफ हो जाएगा कि मुस्लिम छवि की AIMIM पार्टी को यूपी के मुसलमान कितना पसंद या नापसंद करते हैं. हाल के पश्चिम बंगाल के हुए विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी को कुछ ज्यादा हाथ नहीं लगा था. तो क्या ओवैसी उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ें जमाने में कामयाब हो पाएंगे, क्योंकि इससे पहले ओवैसी बहराइच और पूर्वांचल के कई जिलों के दौरे पर रह चुके हैं.